तो क्या अब मेडिक्लेम के लिए नहीं होगी 24 घंटे भर्ती रहने की जरूरत, जानें किससे बात कर रही सरकार

अगर आपके पास भी हेल्थ इंश्योरेंस है तो ये अच्छी खबर आप ही के लिए है। दरअसल, आने वाले समय में मेडिक्लेम पाने के लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार इसके लिए इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDA से बात कर रही है। 

Mediclaim News Updates: अभी इंश्योरेंस क्लेम पाने के लिए कम से कम 24 घंटे अस्पताल में एडमिट रहना जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं है तो इंश्योरेंस कंपनियां मेडिकल क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं। हालांकि, सरकार अब इस नियम को बदलने पर विचार कर रही है और इसके लिए बीमा सेक्टर के रेगुलेटर IRDA (बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण) से बातचीत शुरू कर दी है।

आखिर 24 घंटे भर्ती रहने पर ही मेडिक्लेम क्यों?

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दरअसल, एनसीडीआरसी (National Consumer Disputes Redressal Commission) के प्रेसिडेंट अमरेश्वर प्रसाद साही ने हाल ही में नेशनल कंज्यूमर राइट्स डे पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा-अगर कोई मरीज कम से कम 24 घंटे के लिए भर्ती नहीं होता है तो उसका मेडिक्लेम एक्सेप्ट नहीं किया जाता। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि अब मेडिकल एडवांसमेंट की वजह से कई तरह की सर्जरी में 24 घंटे से भी कम वक्त लगता है। ऐसे में इंश्योरेंस कंपनियों को अपने इस नियम पर विचार करना चाहिए।

जस्टिस साही ने आगे कहा- मेडिकल इंश्योरेंस क्लेम के मामले में पंजाब और केरल के डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशंस ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। अगस्त, 2023 में फिरोजपुर ड्रिस्टिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने एक ऐसा ही फैसला सुनाते हुए मेडिक्लेम कंपनी को सर्विस में कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया था। दरअसल, इंश्योरेंस कंपनी ने 24 घंटे से कम एडमिट रहने पर मेडिक्लेम रिजेक्ट कर दिया था। एनसीडीआरसी के चीफ जस्टिस साही ने कहा-हम शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा कर रहे हैं, लेकिन कमीशन को अपने आदेश लागू करवाने के लिए कई चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है।

IRDA से बात कर जल्द निकाला जाएगा समाधान

वहीं, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए आईआरडीएआई (IRDAI) और डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (Department Of Financial Services) से जल्द ही समस्या का समाधान करने को कहा जाएगा। रोहित कुमार ने जिला और राज्य स्तर पर कंज्यूमर कमीशंस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस साल उन्होंने 1.77 लाख शिकायतों का निपटारा किया, जबकि 1.61 लाख नए केस दाखिल हुए।

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