
डिजिटल दुनिया में जहां हम मोबाइल से सब्ज़ी तक मंगवा सकते हैं, वहीं बीमा खरीदना भी अब चंद क्लिक में मुमकिन है। खासकर टर्म इंश्योरेंस (term insurance) अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है। लोग एजेंट्स के झंझट से बचते हुए सीधे अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से प्लान चुन रहे हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर आप आसानी से Term Insurance विकल्पों की तुलना कर सही बीमा राशि तय कर सकते हैं। बीमा कंपनियों ने इस प्रक्रिया को और आसान बना दिया है, पेपरलेस पॉलिसी, तेज़ क्लेम सेटलमेंट और कम प्रीमियम के साथ। लेकिन, ऑनलाइन सुविधा के साथ कुछ गलतियाँ भी बढ़ जाती हैं जो पॉलिसी होल्डर को बाद में भारी पड़ सकती हैं।
गलती 1: कम कवरेज बीमा राशि का चुनाव करना
सबसे आम गलती है बीमा राशि को कम आंकना। टर्म इंश्योरेंस का मुख्य उद्देश्य है, आपके असामयिक निधन की स्थिति में परिवार को पर्याप्त आर्थिक सहायता देना।
कई लोग जीवन बीमा लेते समय सबसे बड़ी गलती करते हैं, बहुत कम कवरेज लेना। उदाहरण के तौर पर, कुछ लोग सिर्फ ₹20–₹30 लाख का टर्म प्लान ले लेते हैं, जबकि यह राशि उनके परिवार के भविष्य के खर्चों और जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं होती। सही तरीका यह है कि आप अपनी वार्षिक आय का कम-से-कम 10 गुना कवरेज लें। यानी अगर आपकी सालाना आय ₹10 लाख है, तो आपको लगभग 1 Cr Term Insurance कवरेज लेना चाहिए। इससे आपके परिवार को आपकी अनुपस्थिति में भी आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता मिलती है।
गलती 2. टर्म इंश्योरेंस लेने में देर करना
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि बीमा तो रिटायरमेंट के करीब जाकर लेना चाहिए, क्योंकि तब भविष्य की जिम्मेदारियां ज़्यादा होंगी। लेकिन यह सोच पूरी तरह गलत है। असलियत यह है कि टर्म इंश्योरेंस जितना जल्दी लिया जाए, उतना सस्ता, आसान और ज़्यादा फायदेमंद होता है।
अब सोचिए, अगर वही टर्म प्लान आप 40 की उम्र में लेते हैं, तो प्रीमियम लगभग ₹12,000-₹15,000 प्रति वर्ष तक हो सकता है। यानी सिर्फ देर करने के कारण आपको हर साल दोगुना खर्च करना पड़ेगा। इसलिए समझदारी इसी में है कि टर्म इंश्योरेंस जितना जल्दी लें, उतना बेहतर और किफायती रहेगा।
गलती 3: एक ही प्लान पर निर्भर रहना
अगर आप बिना तुलना किए सिर्फ एक ही प्लान चुन लेते हैं, तो भविष्य में आपको पछताना पड़ सकता है, जैसे कम कवरेज, ज्यादा प्रीमियम या क्लेम के समय दिक्कतें। इसलिए समझदारी इसी में है कि आप निर्णय लेने से पहले सभी विकल्पों का अच्छे से अध्ययन करें। यहाँ कुछ जरूरी बातें हैं जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए
गलती 4: बीमाकर्ता को सटीक जानकारी न देना
जब लोग टर्म इंश्योरेंस खरीदते हैं, तो प्रीमियम कम करवाने के लालच में अक्सर अपनी हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां छिपा लेते हैं। ऐसा करना न केवल अनैतिक है, बल्कि आपके परिवार के भविष्य के लिए भी बेहद खतरनाक हो सकता है।
किन जानकारियों को कभी नहीं छुपाना चाहिए:
| जानकारी का प्रकार | उदाहरण |
| हेल्थ कंडीशन | डायबिटीज, हार्ट डिजीज, अस्थमा, थायरॉइड, कैंसर आदि |
| मेडिकल हिस्ट्री | सर्जरी, हॉस्पिटल में भर्ती, रेगुलर मेडिकेशन |
| लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें | स्मोकिंग, अल्कोहल, ड्रग्स |
| परिवार की मेडिकल हिस्ट्री | जेनेटिक बीमारी, हृदय रोग या कैंसर का पारिवारिक इतिहास |
| पेशा और जोखिम | खतरनाक या हाई-रिस्क जॉब्स जैसे कि माइनिंग, केमिकल प्लांट, एविएशन आदि |
गलती 5: टर्म प्लान खरीदते समय नियम और शर्तें न पढ़ना
टर्म इंश्योरेंस एक लॉन्ग-टर्म कमिटमेंट है, जिसमें आप वर्षों तक प्रीमियम भरते हैं इस भरोसे के साथ कि जब ज़रूरत पड़ेगी, आपका परिवार सुरक्षित रहेगा। लेकिन अगर आपने पॉलिसी की शर्तों को ध्यान से नहीं पढ़ा, तो कई बार दावा (क्लेम) खारिज भी हो सकता है - वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि आपने जानकारी अधूरी ली थी।
जब भी आप कोई बीमा खरीदें, नीचे दिए गए पॉइंट्स चेक ज़रूर करें:
टर्म इंश्योरेंस ऑनलाइन लेना बेहद आसान हो गया है, लेकिन समझदारी से निर्णय लेना उतना ही जरूरी है। अगर आप इन पाँच आम गलतियों से बचेंगे, तो न केवल सही प्लान चुन पाएंगे बल्कि अपने परिवार को सच्चे अर्थों में आर्थिक सुरक्षा भी दे पाएंगे।