Paytm को नुकसान, किसको फायदा? जानें पेटीएम को अगले वित्तीय वर्ष कितना ज्यादा घाटा

Published : Mar 26, 2024, 10:05 AM ISTUpdated : Mar 26, 2024, 10:17 AM IST
Paytm Payments bank

सार

वित्त वर्ष 2025 में पेटीएम का रेवेन्यू में कमी आ सकती है। कंपनी का रेवेन्यू अगले वित्त वर्ष में 24% और प्रॉफिट 30% तक नीचे जा सकता है। इसके अलावा कंपनी जब चौथी तिमाही के नतीजे जारी करेगी तो उसके बाद मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज रिव्यू करेगी।

बिजनेस डेस्क. बीते कुछ महीनों से पेटीएम कंपनी पर संकट छाया हुआ है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर बैन लगाया था। इसका असर अगले फाइनेंशियल ईयर पर भी पड़ेगा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में पेटीएम का रेवेन्यू में कमी आ सकती है। साथ ही पेटीएम का यह फोनपे और गूगल पे जैसी कंपनियों के  राजस्व में बढ़ोतरी हो सकती है।

आ सकती है कंपनी के रेवेन्यू में कमी

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई का बैन झेल रहे पेटीएम पेमेंट्स बैंक के चलते अब कंपनी में काफी बदलाव हो रहा है। पेटीएम फिर से बिजनेस खड़ा करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसके बावजूद कंपनी का रेवेन्यू अगले वित्त वर्ष में 24% और प्रॉफिट 30% तक नीचे जा सकता है। इसके अलावा कंपनी जब चौथी तिमाही के नतीजे जारी करेगी तो उसके बाद मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज रिव्यू करेगी।

कस्टमर छोड़ रहे पेटीएम का साथ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेमेंट्स बैंक पर चल रहे बैन के चलते पेटीएम को काफी नुकसान हो रहा है। इसमें कस्टमर्स और मर्चेंट्स को खो रही है। कहा जा रही है कि लगभग 20% मर्चेंट्स पेटीएम से दूर जा सकते हैं। इस महीने ही नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस को थर्ड पार्टी यूपीआई ऐप चलाने की मंजूरी दी गई है। इसके चार बैंकों को चुना गया है, जिसमें  यस बैंक, एसबीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक को चुना गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कंपनी कस्टमर बेस को बचाने में सफल हो सकती है।

पेटीएम पर 15 मार्च से बैन

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम का राजस्व के अलावा कंपनी का पेमेंट प्रोसेसिंग मार्जिन का 33% तक कम हो सकता है। यह कमी कंपनी का बिजनेस घटने के चलते आ सकते है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई का बैन 15 मार्च से लागू हो गया था। यह पेटीएम की प्रतिस्पर्धी कंपनियों के लिए मौका बना। ऐसे में फोन पे और गूगल पे अपने बिजनेस बढ़ाने में जुटी हुई हैं।

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