Rafale-M: चीन-पाकिस्तान जैसे दुश्मनों को चटाएगा धूल, जानें वो 2 खूबियां जो राफेल-M को बनाती हैं सबसे अलग

पीएम मोदी दो दिन के फ्रांस दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी फ्रांस से 26 राफेल-M यानी मरीन फाइटर्स लड़ाकू विमान खरीदने की डील भी पूरी करेंगे। आखिर क्या है राफेल-M लड़ाकू विमान और ये नॉर्मल राफेल फाइटर जेट से कितना अलग है?

Rafale-M Fighter Jet: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाल ही में फ्रांस के दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी फ्रांस से 26 राफेल-M यानी मैरीटाइम लड़ाकू विमान खरीदने की डील भी पूरी करेंगे। आखिर क्या है राफेल-M लड़ाकू विमान और ये नॉर्मल राफेल फाइटर जेट से कितना अलग है। आइए जानते हैं भारत के लिए क्यों इतना जरूरी है राफेल-M और क्या है इसकी खासियत।

क्या है राफेल और राफेल-M का मतलब?

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राफेल जेट एक मल्टीरोल फाइटर जेट है। सैन्य अर्थ में राफेल का मतलब 'हवा का झोंका' या 'आग का विस्फोट' है। राफेल-M में M का मतलब मरीन फाइटर्स यानी इसके नेवी वर्जन से है। राफेल-M को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये आसानी से विमानवाहक पोत (Aircraft Carriers) पर तैनात किया जा सकता है। फ्रांस से डील पक्की होने के बाद राफेल-M लड़ाकू विमान को भारत के एयरक्राफ्ट करियर INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य पर तैनात किया जाएगा। अभी इन पर मिग-29 लड़ाकू विमानों की तैनाती है, जो अब कभी पुराने हो चुके हैं।

किसने बनाया Rafale-M लड़ाकू विमान

बता दें कि भारत फ्रांस से जो 26 राफेल-M लड़ाकू विमान खरीदेगा, उनमें से 22 सिंगल सीटेड राफेल-M होंगे। इसके अलावा चार ट्रेनर विमान रहेंगे। राफेल-M लड़ाकू विमान को फ्रांस की एविएशन कंपनी (Dassault Aviation) ने तैयार किया है।

परमाणु हमले लॉन्च करने में भी सक्षम है Rafale-M

राफेल-M लड़ाकू विमान की बात करें तो यह अपनी छिपने वाली क्षमताओं के चलते परमाणु हमले लॉन्च करने में भी सक्षम है। बता दें कि राफेल-M की फ्यूल कैपेसिटी 11,202 किलोग्राम है। ये एक बार फ्यूल भरने के बाद लगातार 10 घंटे से ज्यादा उड़ान भर सकता है। ऊंचाई वाले इलाकों में इसकी स्पीड 1912 किमी/घंटा है। वहीं कम ऊंचाई वाले इलाकों में ये 1390 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ने में सक्षम है।

पावरफुल रडार सिस्टम राफेल-M को बनाता है सबसे ताकतवर

राफेल में इतना जबर्दस्त रडार सिस्टम लगा है कि ये 100 किलोमीटर के दायरे में एक साथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है। इसके अलावा राफेल-एम की कॉम्बैट रेंज 1850 किलोमीटर है। वहीं ये फाइटर जेट अधिकतम 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। राफेल-एम 4.5 जेनरेशन का मॉर्डर्न फाइटर जेट है, जिसे एयरक्रॉफ्ट करियर पर तैनाती के लिए ही बनाया गया है।

कैसे चीन के फाइटर जेट से बेहतर है राफेल-M

राफेल-M को जो चीज सबसे अलग बनाती है, वो है इसका छोटा आकार। चीन के एयरक्राफ्ट कैरियर पर जे-10, जे-15 और सुखोई-30 तैनात हैं। तीनों से राफेल काफी बेहतर है। जे-10 जेट 55.5 फीट लंबा, जे-15 जेट 73.1 फीट लंबा और सुखोई-30 जेट 72 फीट लंबा है। वहीं राफेल-एम सिर्फ 50 फीट लंबा है। यानी कम लंबाई की वजह से इसे हैंडल करना ज्यादा आसान है। इसके साथ ही राफेल चीन के इन तीनों फाइटर जेट से काफी हल्का भी है। जे-10 का वजन 15 हजार KG, जे-15 का 27 हजार KG और सुखोई-30 का 24,900 किलो है। वहीं, राफेल-M सिर्फ 15 हजार किलो का है।

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