राफेल से लेकर F-22 तक, ये हैं दुनिया के सबसे खतरनाक 10 लड़ाकू विमान
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F-22 रैप्टर को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने बनाया है। यह अमेरिकी वायु सेना का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान है। दो इंजन वाला यह विमान स्टिल्थ फीचर से लैस है, जिसके चलते यह दुश्मन के राडार की पकड़ में आसानी से नहीं आता। यह अभी तक का सबसे एडवांस और सबसे महंगा लड़ाकू विमान है। सिर्फ अमेरिकी वायु सेना इसका इस्तेमाल करती है। अमेरिका इसे किसी भी देश को नहीं बेचता।
लड़ाकू विमान F-35 को अमेरिकी कंपनी लॉकहील्ड मार्टिन ने बनाया है। इसे लाइटनिंग टू भी कहा जाता है। एक इंजन वाला यह मल्टी रोल विमान है। इसे भी स्टिल्थ फीचर से लैस किया गया है। इस विमान के तीन वैरिएंट हैं। पहला है F-35A, यह आम लड़ाकू विमान की तरह टेकऑफ और लैन्डिंग करता है। दूसरा है F-35B, यह छोटे रनवे से टेकऑफ कर सकता है और हेलिकॉप्टर की तरह वर्टिकल लैन्डिंग कर सकता है। तीसरा वैरिएंट है F-35C, यह विमान वाहक पोत से ऑपरेट होता है।
सुखोई एसयू-57 रूस का स्टिल्थ फाइटर प्लेन है। रूस ने इसे अमेरिका के F-22 और F-35 के जवाब में विकसित किया है। रूस की योजना सुखोई एसयू-57 से अपने पुराने विमानों MiG-29 और Su-27 को रिप्लेस करने की है। रूसी एयरफोर्स ने 150-200 Su-57 विमानों की जरूरत बताई है। यह एक एयर सुपिरियोरिटी विमान है। इसे हवा में लड़ाकू विमानों के बीच लड़ी जाने वाली लड़ाई में दूसरों पर भारी पड़ने के लिए बनाया गया है।
चेन्गदु जे-20 चीन का स्टेल्थ विमान है। चीन ने इसे अमेरिका के पांचवी पीढ़ी के विमानों (F-22 और F-35) का सामना करने के लिए बनाया है। कहा जाता है कि रूस के मिग एविएशन कंपनी ने चीन को J-20 बनाने में मदद की। विमान में मिसाइलों को रखने के लिए दो बड़े इंटरनल वेपन वे हैं।
F/A-18 सुपर हॉर्नेट को अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है। यह अमेरिकी नौ सेना का सबसे सक्षम मल्टी रोल लड़ाकू विमान है। अमेरिकी नौ सेना दो इंजन वाले इस विमान को एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करती है। बोइंग कंपनी ने भारत की नौ सेना के लिए भी F/A-18 सुपर हॉर्नेट विमान ऑफर किया है। इस सौदे के लिए सुपर हॉर्नेट और राफेल एम के बीच मुकाबला चल रहा है।
यूरोफाइटर टाइफून को जर्मनी, इटली, स्पेन और ब्रिटेन ने मिलकर विकसित किया है। दो इंजन वाला यह विमान यूरोप के सबसे अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस है। इसकी अधिकतम रफ्तार 2125 किलोमीटर प्रतिघंटा और रेज 1390 किलोमीटर है।
राफेल को फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट ने बनाया है। भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदा है। इस विमान का इस्तेमाल फ्रांस की वायुसेना और नौ सेना करती है। डसॉल्ट ने भारतीय नौ सेना को उसके नए एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए राफेल विमान के नेवल वर्जन राफेल एम ऑफर किया है। यह विमान एक बार में 40 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और चार को निशाना बना सकता है।
सुखोई एसयू-35 4++ जेनरेशन का लड़ाकू विमान है। रूस ने इसे अपने Su-27 के अपडेट वर्जन के रूप में बनाया है। इसे मुख्य रूप से दूसरे लड़ाकू विमानों के खिलाफ होने वाली लड़ाई के लिए बनाया गया है। दो इंजन वाला यह विमान एक बार में 12 मिसाइलों को लेकर उड़ान भर सकता है। इसकी अधिकतम रफ्तार 2390 किलोमीटर प्रतिघंटा और रेंज 3600 किलोमीटर है।
F-15 इगल अमेरिकी लड़ाकू विमान है। इसे मैकडॉनेल डगलस कंपनी ने बनाया है। यह एयर सुपिरियोरिटी विमान है। अमेरिकी वायु सेना इसका इस्तेमाल 30 साल से कर रही है। इस दौरान इसने कई लड़ाइयों में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। इसने दुश्मन के 100 से अधिक विमानों को नष्ट किया है। अमेरिका ने इजरायल, जापान और सऊदी अरब को यह विमान बेचा है।
रूस का MiG-31BM विमान MiG-31 का लेटेस्ट वर्जन है। इसे मुख्य रूप से इंटरसेप्टर के रूप में बनाया गया था ताकि हमला करने आ रहे दुश्मन के विमान को नष्ट कर सके। MiG-31 के नए वर्जन MiG-31BM में जमीन पर मौजूद टारगेट पर हमला करने की क्षमता भी जोड़ी गई है। यह वर्तमान में बनाया जा रहा दुनिया का सबसे तेज रफ्तार विमान है। इसकी अधिकतम रफ्तार 3 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा है।