भारत-आसियान में डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग की व्यापक संभावना: राजीव चंद्रशेखर

केंद्रीय मंत्री मलेशिया की राजधानी कुआला लम्पुर में आयोजित पांचवें आसियान-इंडिया बिजनेस समिट के डिजिटल टेक्नोलोजी सेशन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

Rajeev Chandrasekhar in ASEAN-India Business Summit: केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत और आसियान देशों के बीच डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की व्यापक संभावनाएं हैं। इससे अर्थव्यवस्था और डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार होने के साथ साथ रोजगार व उद्यमिता के अवसर का सृजन तो होगा ही निवेश भी बढ़ सकेगा। उन्होंने बताया कि सिंगापुर के साथ रियल टाइम पेमेंट लिंकेज सिस्टम शुरू करने के बाद भारत ने अब मलेशिया सहित आसियान के कई अन्य देशों के साथ भी इसे चालू करने को लेकर साझेदारी की है।

पांचवें आसियान-इंडिया बिजनेस समिट में साझा की भविष्य की रणनीति

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केंद्रीय मंत्री मलेशिया की राजधानी कुआला लम्पुर में अयोजित पांचवें आसियान-इंडिया बिजनेस समिट के डिजिटल टेक्नोलोजी सेशन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। समिट में उन्होंने भारत और आसियान देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत की रणनीतियों को साझा करते हुए दोनों पक्षों के बीच शृंखलाबद्ध क्षेत्रीय क्षमता निर्माण कार्य, डिजिटल ट्रेड, डिजिटल स्किल्स और इनोवेशन के जरिये डिजिटल अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर पिछले साल के शिखर सम्मेलन में बनी सहमति का उल्लेख किया। चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में किफायती डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और उन्नत प्रौद्योगिकी का विकास और तेजी से विकसित हो रहे स्टार्टअप इकोसिस्टम पर सरकार द्वारा ध्यान केंद्रित किए जाने से डिजिटलीकरण की रफ्तार में तेजी आई, जिससे देश में काफी बदलाव आया है।

पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया का कांसेप्ट क्लियर था...

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। पीएम का डिजिटल इंडिया को लेकर हमेशा से ही कांसेप्ट स्पष्ट रहा है। शुभांभ के वक्त भी उनका मकसद स्पष्ट था। आईटी राज्यमंत्री कहा कि प्रधानमंत्री टेक्नोलॉजी का उपयोग देश के नागरिकों के जीवन के साथ-साथ शासन और लोकतंत्र में बदलाव लाना चाहते थे। उन्होंने आगे बताया कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का मकसद अर्थव्यवस्था और डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार करने के साथ-साथ रोजगार व उद्यमिता के अवसर का सृजन और निवेश बढ़ाना था।

तीसरा मकसद यह था कि तीन दशकों से टेक्नोलॉजी का कंज्यूमर रहे भारत को दुनिया में टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स और सर्विसस में लीडर बनाने के साथ साथ उसे भरोसेमंद उत्पादक व आपूर्तिकर्ता बनाना था।

टेक्नोलॉजी ने देश के लोगों में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ाया

डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भारत सरकार द्वारा किए गए निवेश और उससे आज मिले रहे लाभ का जिक्र करते हुए आईटी राज्यमंत्री ने बताया कि आधार और यूपीआई से देश में लोगों के व्यवहार में मौलिक परिवर्तन आया है और सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि देश में फिनटेक का एक इकोसिस्टम तैयार हुआ है, जिससे दशकों से अनौपचारिक रहे भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों को औपचारिक बनाने और बैंकिंग प्रणाली से लोगों को जोड़ने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कैसलेस व पेपरलेस लेन-देन से कारोबार में पारदर्शिता आई है।

 

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