RBI मॉनेटरी पॉलिसी: रेपो रेट जस का तस, EMI पर क्या असर होगा?

Published : Oct 01, 2025, 10:10 AM ISTUpdated : Oct 01, 2025, 10:34 AM IST
RBI MPC Meeting 2025

सार

RBI MPC Meeting 2025: आम आदमी और निवेशकों के लिए यह राहत की खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट, SDF और MSF रेट जस के तस हैं। आर्थिक ग्रोथ मजबूत बनी है और महंगाई कम हुई है।

RBI MPC meeting 2025 Decisions: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने बुधवार, 1 अक्टूबर को ब्याज दर 5.5% पर जस का तस रखा है। यह लगातार दूसरी बार है, जब ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले फरवरी, अप्रैल और जून में तीन बार कुल 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई थी।MPC ने ब्याज दरों में बदलाव न करने का फैसला सर्वसम्मति से किया और न्यूट्रल रुख को जारी रखने का फैसला लिया। रेपो रेट में बदलाव न होने का मतलब साफ है कि लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI बढ़ने की चिंता नहीं है।

SDF और MSF रेट्स भी अनचेंज

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया, इस पॉलिसी डिसीजन के साथ स्टैंडर्ड डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट भी अनचेंज रखा गया है। SDF रेट 5.75% और MSF रेट 5.25% पर है। इसका मतलब है कि बैंकिंग और वित्तीय सिस्टम में स्थिरता बनी रहेगी और ब्याज दरों में अचानक बदलाव की चिंता नहीं रहेगी।

GST सुधार और बाजार पर असर

MPC की बैठक GST सुधार लागू होने के बाद हुई, जो 22 सितंबर से शुरू हुआ। इससे जरूरी सामान और कारों की कीमतों में कमी आई है। ऑटो कंपनियां सितंबर के सेल्स फिगर रिपोर्ट कर रही हैं। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत स्थिति में है। Q1 में ग्रोथ बेहतर रही और महंगाई में भी नरमी देखी गई। साथ ही, उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अपेक्षा से अधिक मजबूत साबित हुई है।

RBI ने FY26 के लिए GDP अनुमान बढ़ाया, FY27 की ग्रोथ पर नजर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि के अनुमान में सुधार किया है। अब RBI का अनुमान है कि FY26 में GDP ग्रोथ 6.8% रहेगी, जो पहले के 6.5% के अनुमान से अधिक है। तिमाही के हिसाब से ग्रोथ की स्थिति कुछ इस प्रकार है..

Q2 FY26- 7% (पहले 6.7%)

Q3 FY26- 6.4% (पहले 6.6%)

Q4 FY26- 6.2% (पहले 6.3%)

इसके साथ ही RBI ने FY27 की पहली तिमाही (Q1) के लिए ग्रोथ का अनुमान 6.4% से 6.6% के बीच बताया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस बीच चेतावनी दी कि वैश्विक और घरेलू टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताएं तीसरी और चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं। अर्थव्यवस्था की स्थिरता और निवेशकों के निर्णयों के लिए यह अपडेट महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मुद्रास्फीति क्या संकेत दे रही?

RBI ने FY26 के लिए औसत हेडलाइन इन्फ्लेशन (Inflation) को घटाकर 2.6% कर दिया है, जबकि पहले यह 3.1% था। इसका मतलब है कि महंगाई कंट्रोल में है और आम लोगों के खर्च पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा।

RBI के फैसलों का आम आदमी और निवेशकों पर असर

  • रेपो रेट जस का तस रहने से होम लोन और पर्सनल लोन की EMI बढ़ने की संभावना नहीं, यानी लोन लेने वाले राहत महसूस करेंगे।
  • SDF और MSF रेट स्थिर रहने से बचत और ब्याज दरों में अचानक बदलाव नहीं होगा।
  • आर्थिक ग्रोथ मजबूत है, इसलिए कारोबार और निवेश योजनाओं को लेकर पॉजिटिव रूख रखा जा सकता है।

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