T+0 सेटेलमेंट को सेबी की मंजूरी, शेयर्स खरीदने और बेचने के तरीके में आएगा बदलाव, ये सुविधा भी

सेबी ने स्टेक होल्डर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। सेबी ने सिक्योरिटीज ऑफ एक्सचेंज बोर्ड ने T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन को लॉन्च करने की अनुमति दे दी है। इससे शेयरों की खरीद फरोख्त में आसानी होगी। 

Yatish Srivastava | Published : Mar 16, 2024 8:39 AM IST

बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में नई क्रांति आने वाली है। शेयर में डील करने वाले ग्राहकों के लिए ये खबर काम की है। अब शेयरों की खरीदफरोख्त के तरीकों में बड़ा बदलाव आने जा रहा है। सेबी ने सिक्योरिटीज ऑफ एक्सचेंज बोर्ड ने T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन को लॉन्च करने की अनुमति दे दी है। 28 मार्च को इसे लॉन्च किया गया है। बताया गया कि 25 शेयर्स और ब्रोकरेज के लिमिटेड सेट के साथ T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन को लॉन्च करेगा। सेबी ने स्टेक होल्डर्स से बातचीत के बाद ही ये निर्णय लिया है।

अब तक T+1 सेटलमेंट साइकल पर होता था काम 
अभी शेयरों की खरीद फरोख्त की बात करें तो ये सारा काम T+1 सेटलमेंट साइकल पर किया जा रहा था। शेयर बाजार की दुनिया में T+1 सेटलमेंट 2021 में ही शुरू किया गया था। इसकी लास्ट स्टेज 2023 में रही। T+1 के साथ T+0 को एक विकल्प की तरह उपलब्ध कराया जाएगा। सेबी के इस स्टेप्स से मार्केट में लिक्विविडिटी बढ़ने के साथ रिस्क कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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T+0 वर्जन में शेयर खरीदने पर ये सुविधा
T+0 सेटेलमेंट में अब फंड के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब खरीदार को उसी दिन शेयर अलॉटमेंट और बेचने वाले को फंड भी सेम डे मिल जाएगा। शेयर्स के पैसों को उसी दिन खरीदार के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। पैसों के लिए स्टेक होल्डर्स को एक दिन का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। और आपने शेयर्स खरीदे हैं तो वह भी आप के डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे। ये T+1, T+2, T+3 सेटेलमेंट पर भी लागू है।

विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स को छूट 
सेबी की ओर से विदेशी इनवेस्टर्स और प्राइमरी शेयर बिक्री यानी आईपीओ के माध्यम से पैसे जुटाने वाली यूनिट्स को छूट देना शामिल है। सेबी के इस निर्णय से सिक्योरिटी डिपॉजिट की जरूरत खत्म हो जाएगी।

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