
Trading Halt in Share Market : सोमवार, 7 अप्रैल को शेयर मार्केट में इतना बड़ा क्रैश (Share Market Crash) आया कि निवेशकों में डर बैठ गया है। सवाल उठने लगा है कि क्या भारत में मार्केट हाल्ट यानी ट्रेडिंग रुकने वाली है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के टैरिफ का दुनियाभर के बाजारों पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा है। आज सुबह 10 बजे तक सेंसक्स 3000 अंक और निफ्टी में 900 अंकों की बड़ी गिरावट आई। जिसके बाद ट्रेडिंग रुकने की आशंका जताई जा रही है। जानिए क्या सचमुच ऐसा हो सकता है, ऐसी नौबत कब आती है और इसका असर कितना होता है...
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब निफ्टी (Nifty) बहुत ज्यादा गिरता या चढ़ता है, तो बाजार में अफरातफरी से बचने के लिए ट्रेडिंग को कुछ देर के लिए रोक दिया जाता है। इसे सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker) कहा जाता है। इस नियम को इंडेक्स बेस्ड मार्केट वाइड सर्किट ब्रेकर कहते हैं। 2 जुलाई 2001 से यह नियम लागू है। हालांकि, 3 सितंबर 2013 को इसमें थोड़ा बदलाव भी किया गया था।
जब बाजार यानी सेंसेक्स (Sensex) या निफ्टी (Nifty) एक दिन में 10%, 15% या 20% से ज्यादा ऊपर या नीचे चला जाता है तो बड़ी हचलत या घबराहट से बचने के लिए इक्विटी और डेरिवेटिव्स मार्केट कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है। पूरे बाजार में कोऑर्डिनेटेड ट्रेडिंग हॉल्ट लागू हो जाती है.