मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट से नौकरीपेशा को काफी उम्मीदें हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बार सैलरीड क्लास के डिस्पोजेबल इनकम को बढ़ावा देने पर सरकार फोकस कर सकती है।
बिजनेस डेस्क : 23 जुलाई को फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 7वीं बार बजट पेश करने वाली हैं। इस बजट (Budget 2024) से हर सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट कई उम्मीदों पर खरा उतर सकता है। सैलरीड क्लास इस बार के बजट से कई आस (Budget 2024 Salaried Class Expectation) लगाए हुए है। इसमें टैक्स स्लैब में बदलाव से लेकर एचआरए में बदलाव तक शामिल है।
1. टैक्स स्लैब
सैलरीड क्लास को इस बार के बजट से टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव होने की उम्मीद है। नई टैक्स व्यवस्था में मैक्सिमम टैक्स 25 फीसदी है, जिसे सरकार पुरानी व्यवस्था के लिए भी शुरू कर सकती है।
2. पुरानी टैक्स व्यवस्था
सैलरीड क्लास पुरानी टैक्स व्यवस्था में बदलाव की भी उम्मीद लगाए हुए है। टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए हो सकता है। टैक्स का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार यह कमद उठा सकती है।
3. स्टैंडर्ड डिडक्शन
मौजूदा समय में टैक्सेबल सैलरी पर 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। साल 2019 से पहले यह सिर्फ 40,000 रुपए था। इस बार इसके भी बढ़ने का अनुमान है। उम्मीद है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़कर 1 लाख रुपए तक पहुंच सकता है।
4. 80C की सीमा
इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स में अभी अधिकतम कटौती की 1.5 लाख रुपए है। 2014-15 के बाद से इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। उम्मीद है कि सरकार इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर सकती है।
5. हाउस रेंट अलाउंस
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में अलग-अलग शहरों के हिसाब से अभी टैक्स छूट मिलती है। इस बार इसमें 50% छूट वाली कैटेगरी में कुछ अन्य शहरों को भी शामिल किए जाने की उम्मीद है। एचआरए किराए, बेसिक सैलरी और घर की लोकेशन पर डिपेंड करता है।
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