UPI लाइट में 1 Nov. से एक बड़ा बदलाव, जानिए क्या है नया अपडेट?

UPI लाइट यूजर्स के लिए खुशखबरी! 1 नवंबर से ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़कर ₹1000 और वॉलेट बैलेंस ₹5000 हो गया है। साथ ही, ऑटो टॉप-अप की सुविधा भी शुरू।

नई दिल्ली: डिजिटल भुगतान सिस्टम में कुछ बदलाव हुए हैं। 1 नवंबर से नए नियम लागू हो रहे हैं। इनमें UPI भुगतान सिस्टम में RBI और NPCI ने 2 महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यूजर्स की सुविधा के लिए ये बदलाव किए गए हैं। 1 नवंबर, 2024 से नए नियम लागू हो रहे हैं। ये दो महत्वपूर्ण बदलाव UPI ट्रांजैक्शन लिमिट में बढ़ोतरी और ऑटो टॉप-अप की सुविधा हैं। 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने UPI में ये बदलाव किए हैं। दोनों बदलाव UPI लाइट पर लागू होंगे। UPI लाइट छोटे ट्रांजैक्शन और भुगतान के लिए अनुमति देता है। UPI लाइट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स बिना समय बर्बाद किए भुगतान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी किराने की दुकान या अन्य भुगतान में ₹1, ₹5 जैसे छोटे-छोटे भुगतान के लिए बार-बार पिन का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती। छोटे ट्रांजैक्शन आसानी से UPI लाइट के जरिए किए जा सकते हैं। लेकिन हर दिन एक निश्चित संख्या में ट्रांजैक्शन और एक निश्चित राशि की सीमा थी। इस सीमा को बढ़ा दिया गया है।

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अभी UPI लाइट में अधिकतम ₹500 का ट्रांजैक्शन किया जा सकता था। यानी कोई भी भुगतान करना हो तो अधिकतम ₹500 तक ही UPI लाइट के जरिए कर सकते थे। UPI वॉलेट बैलेंस अधिकतम ₹2,000 हो सकता था। इससे ज्यादा बैलेंस UPI लाइट में रखने की अनुमति नहीं थी। लेकिन नए नियम के अनुसार, प्रति ट्रांजैक्शन की सीमा ₹500 से बढ़ाकर ₹1,000 कर दी गई है। वॉलेट बैलेंस की सीमा ₹2,000 से बढ़ाकर ₹5,000 कर दी गई है।

इसके अलावा, दूसरा बदलाव UPI लाइट में ऑटो रीचार्ज विकल्प का है। इस विकल्प को चुनने पर, अगर आपके UPI वॉलेट का बैलेंस निर्धारित सीमा से कम होता है, तो आपके खाते से ऑटोमैटिक टॉप-अप हो जाएगा। इससे बिना किसी रुकावट के ट्रांजैक्शन किए जा सकेंगे। भुगतान के समय बैलेंस कम होने की समस्या नहीं आएगी। इतना ही नहीं, बैलेंस टॉप-अप करने और फिर भुगतान करने की परेशानी से भी छुटकारा मिलेगा। 

गूगल पे, फोनपे, पेटीएम सहित सभी UPI ऐप यूजर्स के लिए ये नियम लागू होंगे। जो भी UPI ऐप का लाइट भुगतान सिस्टम इस्तेमाल करते हैं, उन्हें नए नियमों का फायदा मिलेगा। भारत में UPI भुगतान सिस्टम का इस्तेमाल बहुत ज्यादा हो रहा है। नकद लेनदेन कम हो गया है। UPI भुगतान की सुरक्षा के लिए RBI और NPCI ने कई कदम उठाए हैं। साथ ही, यूजर्स को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। डिजिटल भुगतान में हो रही धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए भी चेतावनी दी गई है।

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