
Jagdeep Dhankhar Resigned: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दिया। उनके कार्यकाल के अभी भी 2 साल बचे हुए थे, लेकिन उन्होंने पहले ही पद छोड़ने का फैसला कर लिया है। ऐसे में अब लोगों के मन यह प्रश्न जरूर उठ रहा होगा, कि इस्तीफे के बाद उन्हें कितनी पेंशन मिलेगी? इसके अलावा उन्हें कौन-सी सुविधाएं दी जाएंगी। चलिए हम आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्यागपत्र सौंपा, जिसमें स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को प्राथमिकता देने और डॉक्टरों की परामर्श का पालन करने की बात लिखी। बिना अपने कार्यकाल पूरे किए ही इस बड़े पद से इस्तीफा देने वाले वो भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति बने हैं। जगदीप से पहले वीवी गिरी (2 जुलाई 1969) और भैरों सिंह शेखावत (21 जुलाई 2007) ने कार्यकाल पूरे होने से पहले ही पद का त्याग किया था।
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उपराष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक पद माना जाता है। साल 2018 में पेश हुई बजट के बाद देश के वाइस-प्रेसिडेंट की तनख्वाह 4 लाख रुपए की गई थी। इसके अलावा पेंशन का जिक्र करें, तो ये उनकी तनख्वाह और कार्यकाल के हिसाब से तय की जाती है। आमतौर पर फॉर्मर वाइस-प्रेसीडेंट को उनकी सैलरी का 50 से 60 प्रतिशत पेंशन के रूप में सरकार से मिलता है। ऐसे में जगदीप धनखड़ को उनकी सैलरी के मुताबिक 2 से 2.5 लाख रुपए मंथली पेंशन मिल सकती है। उसके बाद भी यह रकम सरकार के रूल्स और उनके कार्यकाल पर निर्भर करती है।
पद से हटने के बाद भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति को मुफ्त में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। उनके साथ-साथ फैमिली मेंबर्स को भी गवर्नमेंट हॉस्पिटल में बेहतर इलाज मिलती है। एयरोप्लेन और ट्रेन में मुफ्त यात्रा का लाभ मिलता है। हाउसिंग अलाउंस और सरकारी आवास भी मिलता है। यह उनके निजी आवास की हालात पर निर्भर करता है। जरूरत पड़ने या मांग करने पर सिक्योरिटी भी मिलती है।
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