2 साल से इस्तेमाल नहीं किया बैंक अकाउंट? जानिए क्या होगा

Published : Sep 24, 2025, 07:01 PM IST
Dormant Bank Account

सार

What is Dormant Account: अगर आपका बैंक अकाउंट दो साल तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं करता, तो वह डॉर्मेंट हो सकता है। डॉर्मेंट अकाउंट में आपको कई तरह की प्रॉब्लम्स आ सकती हैं। इसके साथ ही आपके पैसों को लेकर भी रिस्क बना रहता है। जानिए इससे कैसे बच सकते हैं 

Dormant Bank Account: क्या आपने भी अपने बैंक अकाउंट में दो साल तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है? अगर हां तो अलर्ट हो जाइए। आपका अकाउंट अब डॉर्मेंट (Dormant) हो सकता है। इससे आपके पैसों पर असर पड़ सकता है। इसकी वजह से ATM से पैसे नहीं निकलेंगे, ऑनलाइन पेमेंट्स रुक सकते हैं और जरूरी क्रेडिट्स जैसे सैलरी या टैक्स रिफंड मिस हो सकते हैं। लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस आर्टिकल में हम आसान भाषा में बताएंगे कि डॉर्मेंट अकाउंट क्या होता है, इसके नुकसान क्या हैं और इसे कैसे तुरंत एक्टिव किया जा सकता है। इसके साथ ही जानेंगे कुछ सिंपल टिप्स, जिससे आपका अकाउंट हमेशा एक्टिव और सेफ रहेगा।

डॉर्मेंट अकाउंट क्या होता है?

अगर आप 12 महीने तक अकाउंट में कोई खुद की ट्रांजैक्शन नहीं करते, जैसे डिपॉजिट, विदड्रॉल, फंड ट्रांसफर या नेट बैंकिंग लॉगिन तो बैंक अकाउंट इनएक्टिव माना जाता है। अगर यह 24 महीने तक बिना इस्तेमाल रहे, तो RBI के नियमों के अनुसार आपका अकाउंट डॉर्मेंट हो जाता है। दुनिया के दूसरे देशों में भी यही नियम लागू हैं। मतलब, दो साल से अकाउंट न इस्तेमाल करने से आपके पैसों को लेकर रिस्क बन सकता है।

डॉर्मेंट अकाउंट में क्या होता है?

डॉर्मेंट अकाउंट में कई सर्विसेज रोक दी जाती हैं। ATM से पैसा निकालना मुश्किल हो जाता है। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल बंद हो जाता है। सेविंग अकाउंट पर इंटरेस्ट तो चलता रहता है, लेकिन फुल ऐक्सेस नहीं मिलता। डिविडेंड या रिफंड क्रेडिट हो सकता है, पर अकाउंट फ्रीली इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यह मुख्य रूप से फ्रॉड और मिसयूज से बचाव के लिए किया जाता है।

डॉर्मेंट अकाउंट के नुकसान क्या हैं?

डॉर्मेंट अकाउंट सिर्फ झंझट नहीं, बल्कि फाइनेंशियल नुकसान भी करा सकता है। इससे ऑटो-पेमेंट्स और डायरेक्ट डेबिट्स रद्द हो जाएंगे। सैलरी, टैक्स क्रेडिट या निवेश रिटर्न जैसे जरूरी क्रेडिट्स मिस हो सकते हैं। लंबे समय तक अकाउंट न खोलने पर बैलेंस DEAF (Depositor Education and Awareness Fund) में ट्रांसफर हो सकता है। मतलब, समय रहते अकाउंट एक्टिव रखना बहुत जरूरी है।

डॉर्मेंट अकाउंट को एक्टिव कैसे करें?

  • बैंक ब्रांच जाएं और आईडी, एड्रेस प्रूफ साथ ले जाएं।
  • लिखित में रिक्वेस्ट फॉर रिएक्टिवेशन सबमिट करें।
  • कुछ बैंक नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग से भी रिएक्टिवेशन की सुविधा देते हैं, अगर KYC अपडेट हो।
  • सही ऑथेंटिकेशन के बाद आपका अकाउंट फुली एक्टिव हो जाएगा।

बैंक अकाउंट डॉर्मेंट होने से कैसे बचें?

  • साल में कम से कम एक ट्रांजैक्शन करें।
  • पासबुक अपडेट या बैलेंस चेक करना भी काम करता है।
  • छोटे और रेगुलर ट्रांजैक्शन से आपका अकाउंट एक्टिव और सुरक्षित रहता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

क्या एकाउंट इनएक्टिव होने पर बैंक मुझसे कोई चार्ज लेता है?

ज्यादातर बैंक इनएक्टिव अकाउंट के लिए सर्विस चार्ज या मेंटेनेंस चार्ज ले सकते हैं। यह बैंक के नियमों पर निर्भर करता है।

क्या डॉर्मेंट अकाउंट में FD या RD जैसी निवेश योजनाएं प्रभावित होंगी?

नहीं, डॉर्मेंट अकाउंट में भी आपके FD, RD या अन्य निवेश चालू रहते हैं, लेकिन उनसे जुड़ी सेवाओं के लिए बैंक से संपर्क करना पड़ सकता है।

क्या मैं ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए भी अकाउंट रिएक्टिव कर सकता हूं?

हां, कई बैंक नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग के जरिए रिएक्टिवेशन की सुविधा देते हैं, बशर्ते आपका KYC अपडेटेड हो।

अगर अकाउंट लंबे समय तक डॉर्मेंट रहा तो क्या पैसे सुरक्षित रहेंगे?

हां, पैसे सुरक्षित रहते हैं, लेकिन अगर लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो बैंक अनक्लेम्ड बैलेंस को DEAF जैसी केंद्रीय संस्था में ट्रांसफर कर सकता है।

क्या डॉर्मेंट अकाउंट का नाम क्रेडिट हिस्ट्री पर असर डालता है?

आमतौर पर डॉर्मेंट अकाउंट का सीधे क्रेडिट स्कोर पर असर नहीं पड़ता, लेकिन इससे जुड़े ऑटो-पेमेंट या बिलिंग में देरी होने पर इनडायरेक्ट असर हो सकता है।

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