Nestle India के शेयर 50% टूटे? घबराइए नहीं, जान लें असली वजह

Published : Aug 08, 2025, 10:57 AM IST
Share Market in Office Time

सार

Nestle India : नेस्ले इंडिया शेयर में लगभग 50% की गिरावट 1:1 बोनस शेयर इश्यू के कारण है। निवेशकों को हर एक शेयर पर एक अतिरिक्त शेयर मिला है, जिससे शेयरों की संख्या दोगुनी और कीमत आधी हो गई है। जानिए लेटेस्ट प्राइस...

Nestle India Share : क्या नेस्ले इंडिया के शेयर सच में 50% तक गिर गए? 8 अगस्त को NSE पर शेयर की ओपनिंग कीमत 1,122 रुपए रही, जबकि पिछला क्लोज 2,234.60 रुपए का था यानी लगभग 50% की गिरावट। इस खबर से सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया और निवेशकों में घबराहट देखने को मिली। लेकिन असल में ऐसा बोनस शेयर की वजह से हुआ। इस आर्टिकल में जानिए बोनस शेयर क्या होता है, इससे शेयर प्राइस हाफ कैसे हो जाता है, क्या वाकई कोई घाटा हुआ है या ये एक खरीदारी का मौका है, इसके साथ ही Q1 के नतीजों में कंपनी का प्रदर्शन कैसा रहा?

नेस्ले इंडिया शेयर की कीमत (Nestle India Share Price)

8 अगस्त 2025 को नेस्ले इंडिया के शेयर की कीमत NSE पर 2,234.60 रुपए से गिरकर 1,122 रुपए पर आ गई। यानी करीब 50% की गिरावट हुई। सुबह 10.30 बजे तक शेयर 1,108.20 रुपए पर ट्रेड कर रहें। ये गिरावट मजह एक मैथमैटिकल एडजस्टमेंट है। इसमें किसी तरह का नुकसान नहीं है। कंपनी के बोनस शेयर देने के बाद ऐसा देखने को मिला। असल गिरावट सिर्फ 0.9% है।

इसे भी पढ़ें- NSDL शेयर रॉकेट बना! जानिए क्यों एक्सपर्ट कह रहे हैं- ‘अभी और तेजी बाकी है’

1:1 बोनस शेयर का मतलब क्या है?

नेस्ले इंडिया ने आज 1:1 बोनस शेयर जारी किए हैं। मतलब ये कि अगर आपके पास एक शेयर था, तो अब आपको एक और बिल्कुल फ्री में मिलेगा। लेकिन शेयर की कीमत भी आधी हो जाएगी, ताकि आपकी कुल इन्वेस्टमेंट वैल्यू वही रहे। नतीजा शेयर की संख्या तो डबल हो जाएगी लेकिन कीमत भी आधी होगी। हालांकि, कुल शेयर वैल्यू वही रहेगी।

इसे भी पढ़ें- Highway Infrastructure IPO Allotment: अलॉटमेंट स्टेटस कैसे चेक करें, जानें स्टेप-बाय-स्टेप तरीका

Nestle India Q1 FY26 रिजल्ट कैसा रहा

जून तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 13.4% गिरा। यह 746.6 करोड़ रुपए से घटकर 646.59 करोड़ रुपए पर आ गया। रेवेन्यू में ग्रोथ 4,793 करोड़ रुपए से बढ़कर 5,074 करोड़ रुपए हो गया, मतलब 5.86% की बढ़त हुई है। कमोडिटी प्राइसेज महंगे और मैन्युफैक्चरिंग खर्च ज्यादा है। कंपनी के CMD सुरेश नारायणन के अनुसार, उच्च लागत और बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग एक्सपैंशन की वजह से यह असर पड़ा है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है। शेयर मार्केट में निवेश जोखिम के अधीन है। निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Simone Tata Dies: रतन टाटा की सौतेली मां, लैक्मे फाउंडर सिमोन टाटा का निधन
IndiGo क्राइसिस से फ्लाइट किराया बेकाबू: दिल्ली-मुंबई ₹50,000, कोलकाता-गुवाहाटी 1 लाख पार