ITR फॉर्म में क्रिप्टो से कमाई की देनी होगी जानकारी, अलग कॉलम दिया जायेगा

इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई और उसपर देय टैक्स का भुगतान करने के लिए एक अलग से कॉलम दिया जायेगा, टैक्सपेयर्स को इसमें संबंधित जानकारी भरनी होगी। अब क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देय होगा, जिसके बारे में निवेशक आईटीआर फॉर्म में जानकारी दे सकेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Feb 2, 2022 4:25 PM IST

बिजनेस डेस्क।  वित्त वर्ष 2022-23 में आयकर दाखिल करने वाले फॉर्म में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली इनकम और उसपर देय टैक्स का भुगतान करने के लिए एक अतिरिक्त कॉलम होगा। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने मीडिया के साथ ये जानकारी साझा की है। बजाज ने कहा कि आयकरदाताओं को आईटीआर फॉर्म में क्रिप्टो के लिए एक अलग कॉलम दिया जायेगा। इस कॉलम में क्रिप्टो करेंसी से इनकमके बारे में जानकारी देनी होगी। 

आईटीआर फॉर्म में भरनी होगी क्रिप्टोकरेंसी से हुई आय
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दी गई जानकारी में तरुण बजाज ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से लाभ हमेशा कर योग्य होता है और बजट में जो प्रस्तावित किया गया है वह कोई नया कर नहीं है बल्कि इस मुद्दे पर निश्चितता प्रदान करता है। बजाज ने कहा, "हम टैक्स में निश्चितता ला रहा हैं। अब क्रिप्टोकरेंसी की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देय होगा, जिसके बारे में निवेशक आईटीआर फॉर्म में जानकारी दे सकेंगे।

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman)  ने मंगलवार को बिटकॉइन और एथेरियम जैसी वर्चुअल डिजिटल असेट्स के ट्रांजेक्‍शंस पर टैक्‍सेशन (Tax on Digital Currency) का प्रस्ताव रखा, जिसे वास्‍तव में क्रिप्टोकरेंसी टैक्स (Cryptocurrency Tax) कहा जा सकता है।  बजट पेश करते हुए, सीतारमण ने यह भी कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी खुद की डिजिटल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करेगा। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि किसी भी वर्चुअल डिजिटल असेट्स के ट्रांसफर से होने वाली इनकम 30 फीसदी टैक्‍स लगेगा। हालांकि, डिजिटल असेट्स की बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई अन्य आय से नहीं की जा सकती है। उद्योग का अनुमान है कि भारत में 15 मिलियन से 20 मिलियन क्रिप्टो निवेशक हैं, जिनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स लगभग 40,000 करोड़ रुपए ($5.37 बिलियन) है। भारतीय क्रिप्टो बाजार के आकार पर कोई आधिकारिक डाटा उपलब्ध नहीं है। उद्योग अनुसंधान फर्म Chainalysis की अक्टूबर की एक रिपोर्ट के अनुसार, जून 2021 तक भारत में क्रिप्टो बाजार में 641 फीसदी की वृद्धि हुई।

डिजिटल मुद्राओं पर टैक्‍स
क्रिप्टोकरेंसीज पर 30 फीसदी टैक्‍स लगेगा। जबकि इक्विटी बाजारों में शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म होल्डिंग्स के बावजूद है, जहां निवेश अवधि के आधार पर अलग टैक्‍स लगता है। विशेषज्ञों ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर लगाया जाने वाला 30 फीसदी टैक्‍स लॉटरी, गेम शो, पहेली आदि से जीत पर टैक्‍स रेट के समान है। सरकार ने अपने स्वयं के डिजिटल रुपये को पेश करके और क्रिप्टो करेंसीज की बिक्री पर 30 फीसदी की दर से कर लाभ की मांग करके क्रिप्टोकरेंसी के बाद जाने के अपने इरादे की घोषणा की है। इसके अलावा क्रिप्टो लाभ को ट्रैक करने के लिए 1 फीसदी का टीडीएस भी प्रस्तावित किया गया है, जिससे क्रिप्टो ट्रेडिंग में शामिल व्यक्तियों को कर के दायरे से बचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को लाभ या डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर से प्राप्त किसी भी आय पर 30 फीसदी कर का भुगतान करना होगा। उपहार के रूप में और एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में क्रिप्टो के किसी भी प्रकार के हस्तांतरण पर भी कर लगेगा।

यहां समझें क्रिप्‍टो पर टैक्‍स का कैलकुलेशन
आईआईएफएल के वाइस प्रेसीडेंट (करेंसी एंड कमोडिटी) अनुज गुप्‍ता ने उदाहरण से समझाते हुए कहा कि अगर किसी निवेशक ने एक साल में एक लाख के क्रिप्‍टो निवेश पर 10 हजार रुपए कमाई की तो उस पर 30 फीसदी टैक्‍स के हिसाब से 3 हजार रुपए का टैक्‍स लगेगा।

नुकसान पर सेटऑफ ना होने का मतलब समझाते हुए अनुज गुप्‍ता कहते हैं कि अगर कोई निवेशक नौकरी से 10 लाख रुपए की कमाई करता है। साथ क्रिप्‍टोकरेंसी पर भी निवेश करता है। क्रिप्‍टोकरेंसी में नुकसान होने पर वो अदर इनकम के साथ सेटऑफ नहीं कर सकता है। अभी शेयर बाजार में एक लाख का सालाना नुकसान आईटीआर में दिखाते हैं तो उसे आप दूसरी 6 लाख की कमाई से सेटऑफ कर 5 लाख कर सकते हैं। लेकिन क्रिप्‍टो करेंसी में ऐसा नहीं होगा। आपकी दूसरी इनकम पर उतना ही टैक्‍स लगेगा, कम नहीं होगा।

अनुज गुप्‍ता बताते टीडीएस पर बात करते हुए कहते हैं कि अगर किसी ने 10 हजार का वर्चुअल असेट दूसरे को ट्रांसफर किया है तो 100 रुपए टीडीएस लगेगा।

किस कहते  हैं वर्चुअल करेंसी
दुनिया में रुपए, डॉलर और यूरो जैसे नोटों की तरह पिछले 10-12 सालों में वर्चुअल दुनिया में कई मुद्राएं सामने आई हैं और इनकी लोकप्रियता और संख्या दोनों तेजी से बढ़ती जा रही है। खास तौर पर युवा पीढ़ी में ये काफी लोकप्रिय हैं। मोटे तौर पर क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है जो टोकन या डिजिटल "सिक्कों" के रूप में होता है, क्रिप्टोकरेंसी को डिज़ाइन ही इस तरह किया गया है कि वह सरकारी नियमों और नियंत्रण से मुक्त रहे।

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