सार
एथेनॉल (ethanol) गन्ने से निर्मित होता है। फर्मेंटेशन और डिस्टिलेशन (Fermentation and Distillation) की प्रोसेस के बाद एथेनॉल मिलता है। ऐसे में ब्लेडिंग को कंपलसरी करने के सरकार के फैसले से देश में अधिक एथेनॉल की जरूरत पड़ेगी और इसका फायदा किसानों को मिलेगा।
ऑटो एंड बिजनेस डेस्क, Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने बजट भाषण में बड़े ऐलान किए हैं। सीतारमण ने कहा है कि इस साल 1 अक्टूबर 2022 से बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल पर 2 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से उत्पाद शुल्क (Excise duty ) लगाया जाएगा। बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल में एक्स्ट्रा प्रीमियम जैसे पेट्रोल ब्रांड आते हैं, जिनमें ब्लेंडिंग नहीं होती है। वहीं ब्लेंडिंग वाला फ्यूल अपेक्षाकृत सस्ता होता है, इससे देश के किसानों को भी फायदा होता है। सरकार जल्द से जल्द 20 पीसीद एथेनॉल की ब्लेंडिंग करना चाहती है।
किसानों को होगा फायदा
एथेनॉल (ethanol) गन्ने से निर्मित होता है। फर्मेंटेशन और डिस्टिलेशन (Fermentation and Distillation) की प्रोसेस के बाद एथेनॉल मिलता है। ऐसे में ब्लेडिंग को कंपलसरी करने के सरकार के फैसले से देश में अधिक एथेनॉल की जरूरत पड़ेगी और इसका फायदा किसानों को मिलेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कई मौकों पर कह चुके हैं कि वे ऑटो कंपनियों को फ्लेक्सी फ्यूल इंजन का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। ये वो इंजन होता है जो एथेनॉल युक्त पेट्रोल के सबसे मुफीद है। वर्तमान समय में लगभग 8.5 प्रतिशत एथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जाता है। केंद्र सरकार ने 2030 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य तय किया है।
2030 तक 20 फीसदी होगा एथेनॉल का मिश्रण
वहीं कार्बन उत्सर्जन में लगतार कटौती करने और इम्पोर्ट घटाने के लिए पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त करने की अवधि 5 साल घटाकर 2025 कर दी गई है। पहले यह लक्ष्य 2030 तक पूरा किया जाना था। एथेनॉल का निर्माण गन्ने, गेहूं और टूटे चावल जैसे खराब खाद्यान्न और कृषि अवशेषों से किया जाता है। इसके उत्सर्जन से प्रदूषण भी कम होता है और वहीं किसानों की आमदनी कमाने का एक और जरिया भी मिलता है।
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