5 साल के बाद बैन हो जाएगा पेट्रोल? नितिन गडकरी ने आखिर क्यों कहीं ये बात

पांच सालों में भारत में पेट्रोल बैन हो जाएगा। उसके बदले ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल व सीएनजी का इस्तेमाल किया जाएगा। यह कहना था केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान ये बातें कही। इसके फायदे को भी उन्होंने गिनाया।

Moin Azad | Published : Jul 9, 2022 12:35 PM IST / Updated: Jul 09 2022, 06:54 PM IST

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडरी (Nitin Gadkari) ने एक चौंकानेवाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पांच सालों में पेट्रोल का इस्तेमाल बंद (Petrol ban in India) हो जाएगा। एक कार्यक्रम में उन्होंने भाषण देते हुए इस बात का जिक्र किया। उन्होंने बायो एथेनॉल का उदाहरण भी दिया और इशारा किया कि अगले पांच सालों में पेट्रोल पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। 

बायो एथेनॉल का होगा इस्तेमाल
देश में ईंधन के दामों में वृद्धि से आम जनता परेशान है। नितिन गडकरी का पेट्रोल को लेकर दिया एक बयान काफी चर्चा में हैं। दरअसल उन्होंने बीते गुरुवार को कहा कि आने वाले पांच सालों में पेट्रोल का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। महाराष्ट्र के विदर्भ जिले में बनाया जा रहा बायो एथेनॉल का इस्तेमाल वाहनों में किया जाएगा। बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विकल्प के तौर पर ग्रीन हाइड्रोजन का भी उपयोग किया जा सकता है। जिसे गहरे कुएं के पानी से बनाया जा सकता है और यह लोगों को 70 रुपये प्रति किलो में बेचा जा सकता है। आने वाले दिनों में दुपहिया और चारपहिया वाहन ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल व सीएनजी से चलेंगे। 

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चर्चा में है नितिन गडकरी का यह बयान
जानकारी दें कि नितिन गडकरी का यह बयान काफी चर्चा में है। ऐसे वक्त में जब पेट्रोल-डीजल के दाम महंगे हैं, तो यह बयान लोगों को अटपटा लग रहा है। बता दें कि गडकरी को बीते गुरुवार महाराष्ट्र के अकोला में पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस (डीएससी) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उन्होंने यह बातें कही है। गडकरी ने कहा कि किसान भविष्य में ऊर्जा प्रदाताओं (Energy Providers) के रूप में भी अपना योगदान दे सकते हैं। देश के किसानों का भविष्य केवल गेहूं, चावल, मक्का, लगाने से नहीं बदलेगा। किसानों को एनर्जी प्रोवाइडर बनना होगा। 

किसानों को हो रहा है मुनाफा
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल से प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ता है। इससे पर्यावरण को भी खतरा है। ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल, सीएनजी से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने कहा, एथेनॉल मिश्रित तेल बेचने से किसानों और चीनी मिलों को मुनाफा हो रहा है। इसके कारण पिछले साल 20 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है। यह काफी फायदेमंद है। 

यह भी पढ़ें- PM Kisan samman Nidhi 12th Installment: इस दिन किसानों के खाते में ट्रांसफर होगा 2000 रुपया, जान लें तारीख

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