Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान से चले गए 'अच्छे दिन'.. पेट्रोल-डीजल 200 पार, खाने का तेल भी हुआ महंगा

पाकिस्तान के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। एक बार फिर सरकार ने पेट्रोल डीजल की कीमतों में 30 रुपए की बढ़ोतरी कर दी। खानेवाले तेल की कीमत 200 रुपए के पार चला गया है। 

नई दिल्लीः श्रीलंका के हालात बद से बदतर हो चुके (Sri Lanka Crisis) हैं। वहां का हाल ऐसा है कि कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज की जरूरत पड़ रही है। वहां सत्ता परिवर्तन जरूर हो गया लेकिन जमीनी हालात ठीक नहीं हुए हैं। कुछ ऐसे ही हालात भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में देखने को मिल रहे हैं। पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी (Pakistan Petrol Diesel Price Hike) हुई है। पेट्रोल का रेट 209 रुपए प्रति लीटर हो गया है। घी 208, खाने का तेल 213 रुपए हो गया है। मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 13.76 प्रतिशत हो गई है। पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) में बनी नई सरकार इसे ठीक करने की कोशिश में जरूर है, लेकिन हालात सुधरने के बजाय बिगड़ते जा रहे हैं। 

पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपए की बढ़ोतरी
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने गुरुवार को पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की। एक हफ्ते में दूसरी बार दाम बढ़ाए गए हैं। इसके बाद पेट्रोल का दाम पाकिस्तान में 209.86 रुपए हो गया है। वहीं डीजल की कीमतें 204.15 रुपए लीटर हो गईं। इससे पहले भी बृहस्पतिवार को पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी। वहीं पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को वनस्पति घी और खाने के तेल के दाम में 208 रुपये और 213 रुपये की जबर्दस्त बढ़ोतरी कर दी। जानकारी दें कि पाकिस्तान की मुद्रास्फीति की दर मई में बढ़कर 13.76 प्रतिशत हो गई, जो ढाई साल में सबसे अधिक है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल मुद्रास्फीति कई वर्षों से अधिक रही है। विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान पूरी तरह बैंक्रप्ट हो गया है। यह श्रीलंका से भी बुरा है। श्रीलंका ने अपने हालात सुधार लिए हैं, लेकिन पाकिस्तान में हालात बिगड़े तो परिस्थिति हाथ से निकल जाएगी। 

Latest Videos

रेट बढ़ाने के बाद भी 9 रुपए का नुकसान 
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने गुरुवार को कहा था कि 30 रुपए बढ़ाने के बावजूद भी सरकार को 9 रुपए का नुकसान हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि हम ईंधन पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं जमा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से हर रोज बातचीत कर रही है। हम सभी मांग नहीं मान सकते लेकिन कुछ प्वाइंट्स पर हम सहमत हो सकते हैं। पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से सभी चीजों की कीमतों में भी असर दिखता है। लेकिन पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने दावा किया है कि वह बाकी चीजों की कीमतों को स्थिर रखना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गेहूं की कीमतें 70 रुपए प्रति किलो और चीनी 40 रुपए प्रति किलो पर बनी रहे।

पाकिस्तान को खर्च करनी पड़ी थी बड़ी राशि
बता दें कि इमरान खान के नेतृत्व में पिछली पाकिस्तानी सरकार तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की कुछ बहुत ही प्रभावशाली योजनाएं थी। जैसे स्वास्थ्य कार्ड, जिसमें सरकार को बड़ी नकद राशि खर्च करना पड़ा। जिसके कारण एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय में मुद्रा भंडार पर अनावश्यक दबाव पड़ा। जिसके कारण अधिक उधार लेने का दबाव बढ़ा और जिसने कीमतों को ऊपर की ओर धकेल दिया। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी(पीटीआइ) के वित्त मंत्री के रूप में शौकत तारिन का पहला बजट, जो अचानक आइएमएफ(IMF) के द्वारा बताये गए तरीकों से परे हो गया था।

इस बजट ने झूठी उम्मीदें भी पैदा की और निवेशकों के उन व्यापारों को बंद कर दिया, जिन्हें मिनी बजट होने पर वापस लेना पड़ा था। फरवरी में पेट्रोल की कीमतों को स्थिर करने के निर्णय ने, विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों से, चालू खाते के घाटे को बढ़ा दिया और बेलआउट कार्यक्रम को भी रोक दिया। 

पेट्रोल के दाम बढ़ने पर बरसे इमरान खान
पाकिस्तान की मौजूदा सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार हमला बोल रहे हैं। तेल की कीमतों में इजाफा होने के बाद एक बार फिर से इमरान खान ने निशाना साधा है। उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है, आयातित सरकार ने पेट्रोलियम की कीमतों में 40 फीसदी या दो बार में 60 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की है। इससे जनता पर 900 अरब रुपये का बोझ बढ़ेगा। बुनियादी जरूरतों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। साथ ही बिजली की कीमत में 8 रुपये की बढ़ोतरी पूरे देश को सदमें में डाल देगी। महंगाई दर में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। जो 75 सालों में सबसे अधिक है। 

जानें क्या है मुद्रास्फीति
समय के साथ मुद्रा की कीमत कम हो जाने से किसी सामान के लिए मूल्य अधिक चुकाना पड़ता है तो इस स्थिति को मुद्रास्फीति कहते हैं। बता दें कि मुद्रास्फीति के कारण वस्तुओं तथा सेवाओं की कीमतें बढ़ती है जिसका प्रभाव निश्चित आय वर्ग पर पड़ता है। इस प्रकार मुद्रास्फीति के कारण निश्चित आय वर्ग नुकसान उठाता है।

यह भी पढ़ें- 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के DA में होगी 4% की बढ़ोतरी! 1 जुलाई से मिलेगा फायदा, जानें डिटेल

Share this article
click me!

Latest Videos

ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News