पहले पासपोर्ट बनवाना एक कठिन कार्य होता था, लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब आप पासपोर्ट बनाना काफी आसान हो गया है। अब आप घर बैठे पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
नई दिल्ली : पासपोर्ट (passport) बनवाना अब काफी आसान हो गया है, क्योंकि सरकार ने इसकी प्रक्रिया को काफी आसान कर दिया है। साथ ही अब पासपोर्ट बनाने की फीस को भी कम कर दिया है। आप घर बैठे पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे करते हैं पासपोर्ट का रजिस्ट्रेशन और कितना लगता है शुल्क..
पासपोर्ट के लिए इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
⦁ जन्म प्रमाण पत्र
⦁ पैन कार्ड
⦁ आधार कार्ड
⦁ वोटर आईडी
⦁ ड्राइविंग लाइसेंस
ऑनलाइन पासपोर्ट बनवाने के लिए कैसे करें अप्लाई
⦁ सबसे पहले पासपोर्ट सेवा की ऑफिशियल वेबसाइट https://portal1।passportindia।gov।in/ पर जाएं।
⦁ इसके बाद न्यू यूजर रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन पर क्लिक करें
⦁ जिसके बाद एक फॉर्म ओपन होगा। इसको सावधानीपूर्वक भरें।
⦁ फॉर्म को भरने के बाद रजिस्टर पर क्लिक करें ,जिसके बाद आपका अकाउंट बन जाएगा।
⦁ इसके बाद पासपोर्ट सेवा वेबसाइट पर वापस आए।
⦁ वेबसाइट पर आपको लॉगिन का बटन दिखेगा। इस बटन पर क्लिक करें।
⦁ इसमें अपनी ईमेल आईडी डालें और कंटिन्यू पर बटन पर क्लिक करें। इसके बाद एक फार्म ओपन को होगा, जिसे आपको भरना होगा।
⦁ फॉर्म फिल करने के बाद पे एंड शेड्यूल अप्वाइंटमेंट ऑप्शन पर क्लिक करें।
⦁ इसके बाद ऑनलाइन पेमेंट या स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के चालान के जरिए पेमेंट करें।
⦁ पेमेंट करने के बाद स्क्रीन पर आपके शहर के पासपोर्ट सेवा केंद्रों की सूची दिखाई देगी। यहां से अपनी सुविधानुसार अपॉइंटमेंट की तारीख सेलेक्ट करें और अपनी अपॉइंटमेंट फिक्स करें।
⦁ जब अब आपका अप्वाइंटमेंट हो अपने ओरिजनल डॉक्युमेंट साथ पासपोर्ट कार्यालय जाएं।
⦁ डॉक्यूमेंट और पुलिस वेरिफिकेशन होने के करीब 15- 20 दिन के अंदर आपका पासपोर्ट डाक से आपके घर पहुंच जाएगा।
पासपोर्ट के लिए कितनी लगती है फीस
आमतौर पर पासपोर्ट बनवाने के लिए 1500 से 2000 रुपये तक शुल्क चुकाना पड़ता है। लेकिन यदि को तत्काल पासपोर्ट बनवाना है तो अतिरिक्त फीस लगती है। बता दें कि जिन लोगों को इमरजेंसी में विदेश यात्रा करनी होती है, उन्हें तत्काल पासपोर्ट जारी किया जाता है।
पुलिस वेरिफिकेशन के क्या है नियम
किसी भी नागरिक को पासपोर्ट जारी करने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन एक जरूरी प्रक्रिया है। हालांकि, कुछ लोगों को इससे छूट प्राप्त है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह एक जरूरी प्रक्रिया है। इसके बिना पासपोर्ट जारी नहीं किया जाता है। वैसे जब पासपोर्ट के लिए अप्लाई करते हैं तो, आपकी दी गई सूचनाओं को जांचने के लिए पुलिस व्यक्तिगत तौर पर आपके घर पहुंचती. इस दौरान पुलिस आपका क्रिमिनल रिकॉर्ड क्या रहा है, जैसी बातें जांच करती है. इसके अलवा अगर आवेदक के खिलाफ कोई पुलिस या कोर्ट केस लंबित है तो पुलिस इसके बारे में पूरी जानकारी लेकर पासपोर्ट ऑफिस को पहुंचाती है.
कितने साल होती है पासपोर्ट की वैधता
आमतौर पर पासपोर्ट की वैधता दस सालों के लिए होती है। लेकिन वैधता कब खत्म होगी इस बात को लोग अक्सर भूल जाते हैं, इसके लिए विदेश मंत्रालय ने एक पहल शुरू की है। मंत्रालय अब वैधता समाप्त होने से नौ महीने पहले एक एसएमएस भेजता है। इतना ही नहीं सात महीने बचने पर एक बार फिर मंत्रालय की तरफ से एसएमएस आता है।
कितने प्रकार के होते हैं पासपोर्ट
पासपोर्ट तीन प्रकार के होते हैं। रेगुलर पासपोर्ट ( regular passport), डिप्लोमेटिक पासपोर्ट ( diplomatic passport), ऑफिशियल पासपोर्ट (official passport)।
रेगुलर पासपोर्ट
रेगुलर पासपोर्ट आम लोगों को लिए जारी किये जाते हैं।। इस पासपोर्ट का इस्तेमाल लोग केवल विदेश यात्रा , बिजनेस ट्रिप या फिर छुट्टियों पर किसी अन्य देश जाने के लिए करते है।
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट आम लोगों के नहीं जारी किये जाते हैं। यह सिर्फ उन लोगों के लिए ही जारी किये जाते है, जो सरकारी कामों से अन्य देश की यात्रा करते है। यह पासपोर्ट हमेशा सरकारी कर्मचारियों को जारी किये जाते हैं।
ऑफिशियल पासपोर्ट
ऑफिशियल पासपोर्ट उन सरकारी कर्मचारियों को जारी किये जाते हैं, जो दूसरे देश में रहकर अपने देश के लिये कार्य करते है। इस पासपोर्ट का कलर व्हाइट होता है।
90वें स्थान पर है भारत का पासपोर्ट
बता दें कि हर देश के पासपोर्ट की एक रैंकिंग होती है। जिसके आधार पर यह तय होता है कि किस देश का पासपोर्ट कितना प्रभावी है। इस रैंकिंग में पहले और दूसरे स्थान पर जापान व सिंगापुर हैं। वहीं भारत 90 वें पायदान पर है। बता दें कि दुनियाभर के 58 देश भारतीय नागरिकों को बिना वीजा के ही अपने यहां आने देते हैं।
ईसा से 450 साल पहले हुई थी पासपोर्ट की शुरुआत
हिब्रू साहित्य के मुताबिक, पासपोर्ट की शुरुआत ईसा से 450 वर्ष पहले हुई थी। दरअसल, फारस के राजा नेहेमियाह ने एक अधिकारी को जूडिया भेजा था। ऐसे में राजा ने नेहेमियाह को एक रसीद दी थी। जिसमें दूर दराज के सरदारों से अपील किया गया था कि उसकी यात्रा में सहायता करें। इसे ही पासपोर्ट का शुरुआती प्रारूप माना जाता है।
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