भारत में बुलेट ट्रेन जल्द चलने लगेगी। अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना का जायजा लेने सूरत पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2026 तक पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया है। काम काफी तेजी से हो रहा है।
सूरतः देश में पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train india) कब से चलनी शुरू हो जाएगी? अक्सर लोग यह सवाल पूछते रहे हैं। क्योंकि देश में कई स्थानों पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और होना है। लेकिन अब तक रेलवे की ओर से इनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट नहीं दी गई है। इस बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि है कि 2026 में गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा क्योंकि इस दिशा में अच्छी प्रगति हो रही है। वैष्णव, सरकार की महत्वाकांक्षी अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना की कार्य का जायजा लेने के लिए सूरत में थे। उन्होंने कहा, 'हमने सूरत और बिलिमोरा के बीच 2026 में पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा है। इसमें काफी डेवलपमेंट है और हमें विश्वास है कि तब तक हम ट्रेन चलाने का काम पूरा कर लेंगे।'
तेजी से चल रहा है काम
बिलिमोरा, दक्षिण गुजरात के नवसारी जिले का एक शहर है। इस परियोजना के तहत अहमदाबाद और मुंबई के बीच ‘हाई स्पीड रेल’ (एचएसआर) सेक्शन में 320 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से बुलेट ट्रेन चलाई जानी है। यह दूरी 508 किलोमीटर की है और दोनों डेस्टिनेशन के बीच 12 स्टेशन होंगे। वर्तमान में दोनों शहरों के बीच यात्रा में छह घंटे लगते हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन शुरू होने के बाद यह समय घटकर तीन घंटे होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये है और 81 प्रतिशत खर्च जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) वहन करेगी।
पीएम मोदी का है ड्रीम प्रोजेक्ट
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2026 तक हर हाल में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का ट्रायल शुरू हो जाएगा और इसके बाद बुलेट ट्रेन यात्रियों के लिए ट्रैक पर दौड़ने लगेगी। पहले चरण में सूरत से लेकर बिलिमोरा (bilimora) के बीच तकरीबन 48 किलोमीटर वाले हिस्से में बुलेट ट्रेन का ट्रायल शुरू होगा। तकरीबन सवा लाख करोड़ की लागत से बनने वाले ये प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यही वजह है कि रेलवे अब पूरी तरह से इस पर फोकस कर रही है।
मेंटेनेंस के लिए होंगे 3 डिपो
सूरत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गुजरात में तकरीबन 80 किलोमीटर के हिस्से में पिलर खड़े करने का काम पूरा हो चुका है। सभी जगह एक साथ काम चल रहा है। 508 किलोमीटर लंबे इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का 91 फीसदी हिस्सा एलिवेटेड है,सिर्फ 4 किलोमीटर हिस्सा जमीन पर है। इस दौरान 7 किलोमीटर हिस्सा महाराष्ट्र में समुद्र के अंदर से होकर गुजरेगा। इसमें कुल 12 रेलवे स्टेशन होंगे, जिनमें से 8 गुजरात, जबकि 4 महाराष्ट्र के हिस्से में आएंगे। बुलेट ट्रेन के मेंटेनेंस के लिए 3 डिपो होंगे। इनमें से एक साबरमती (Sabarmati) में बनेगा तो दूसरा सूरत और तीसरा ठाणे (Thane) में। केंद्र और राज्य सरकार का फोकस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर इस समय ज्यादा हो गया है, क्योंकि गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा सरकार दिखाना चाहती है कि गुजरात के लिए एक बड़ा तोहफा है जो हर हाल में पूरा किया जा रहा है।
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