RBI GDP Forecast: 2022-23 में 7.2 फीसदी रहेगा विकास दर, आरबीआई गवर्नर ने महंगाई पर जतायी चिंता

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.2% पर बरकरार रखा है। इसका मतलब यह है कि फाइनांशियल ईयर 2022-23 में पिछले वित्तीय वर्ष की तरह ही ग्रोथ रहेगा। इस दौरान उन्होंने कुछ मुद्दों पर चिंता भी जाहिर की। 

Moin Azad | Published : Jun 8, 2022 8:13 AM IST

नई दिल्लीः पिछले एक महीने में आम लोगों को महंगे कर्ज का दूसरा झटका लगा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (shaktikanta das) ने मॉनिटरी पॉलिसी का एलान करते हुए रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़कार 4.90 फीसदी कर दिया है। इससे पहले, रिजर्व बैंक ने 4 मई को एक इमरजेंसी मीटिंग में रेपो रेट 4 फीसदी से बढ़ाकर 4.40 फीसदी किया था। पॉलिसी का एलान करते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर ने वित्‍त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। शहरी डिमांड में सुधार हो रहा है।

तेल की कीमतों को लेकर किया आगाह
वित्‍त वर्ष 2023 में क्षमता इस्‍तेमाल में बढ़ोतरी की उम्‍मीद है. आरबीआई ने FY23 के लिए रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। वहीं, पहले क्वार्टर में 16.2 फीसदी, दूसरे में 6.2 फीसदी, तीसरे में 4.1 फीसदी और चौथे में 4 फीसदी रहेगी। हालांकि उन्होंने तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर आगाह किया है। यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध के चलते शक्तिकांत दास ने तेल की कीमतों को लेकर आगाह किया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मानसून सामान्य होने के चलते इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में भी खपत में बढ़ोत्तरी होगी। भारतीय मौसम विभाग ने इसकी संभावना जताई है कि इस बार मानसून बेहतर होगा।

ये चीजें बढ़ा सकती हैं महंगाई
इस साल सामान्य मानसून और कच्चे तेल के दाम भारती बाजार में औसतन 105 डॉलर प्रति बैरल रह सकते हैं, महंगाई 6.7 फीसदी रह सकती है। उत्पादों के दाम में बढ़ोत्तरी, बिजली के दाम में संशोधन, जानवरों के चारे के दाम में बढ़ोत्तरी, सप्लाई चेन में मुश्किलें, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें महंगाई को बढ़ा सकते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध लंबा खिंच रहा है, जिसके चलते नई तरह की चुनौतियां सामने हर रोज आ रही हैं। गौर करने वाली बात है कि पिछली बार आरबीआई गवर्नर ने देश की जीडीपी 7.8 फीसदी रहने की बात कही थी, जिसे घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया गया है।

शक्तिकांत दास ने भारत की जीडीपी को लेकर एनएसओ के डेटा का भी जिक्र किया, उन्होंने कहा कि इस स्तर पर देश की जीडीपी कोरोना काल के पहले के समय से ऊपर जा चुकी है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट में 50 बेसिस अंकों की बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है, जिसके बाद लोगों के लोन की ईएमआई बढ़ सकती है। आरबीआई के ऐलान से पहले ही एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, करूर वेश्य बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी कर दी है। 

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