RBI Monetary Policy के फैसलों से आम जतना को मिल सकती है बड़ी राहत, जानिए क्‍या कहते हैं जानकार

रियल एस्टेट (Real Estate) के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि आरबीआई ने रेपो दर (Repo Rate)  को अपरिवर्तित रखने का मतलब है कि घर खरीदारों (Home Buyers) को रिकॉर्ड कम ब्याज दर (Home Loan Interest Rate) व्यवस्था का लाभ मिलता रहेगा।

 

बिजनेस डेस्‍क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो दर को 4 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) के इस संबंध घोषणा की रियल एस्टेट (Real Estate) एक्‍सपर्ट विशेषज्ञों से सराहना मिल रही है। उनका मानना है कि अपरिवर्तित रेपो दर (Repo Rate) का मतलब है कि घर खरीदारों को रिकॉर्ड कम ब्याज दर का लाभ मिलता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि होम लोन की कम ब्याज दर होम लोन लेने वालों के लिए अच्छा काम करेगी क्योंकि आरबीआई के इस फैसले के बाद भी इसी तरह के फैसले ले सकता है।

कम रहेंगी होम लोन की ब्‍याज दरें
आरबीआई के एमपीसी के फैसले की सराहना करते हुए ANAROCK Group के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि ओमाइक्रोन ने भारत के साथ दुनियाभर में फैले संदेह के बीव RBI ने रेपो दरों को 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का बेहतर निर्णय लिया है। इस बात की आरबीआई से अपेक्षा भी की जा रही थी। यह लगातार नौवीं बार है जब आरबीआई ने मौजूदा अनिश्चितताओं के बीच यथास्थिति बनाए रखी है। अपरिवर्तित रेपो दरें कुछ और समय के लिए मौजूदा कम ब्याज दर व्यवस्था पर यथास्थिति बनाए रखने में मदद करेंगी। यह सभी होम लोन उधारकर्ताओं के लिए काफी अच्छा है।

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घर खरीदारों के लिए अच्‍छा समय
बेनेट एंड बर्नार्ड कंपनी के सीईओ और को-फाउंडर लिंडसे बर्नार्ड रॉड्रिक्स ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है। आरबीआई ने रेपो दर को अपरिवर्तित छोड़ने का मतलब है कि घर खरीदारों को रिकॉर्ड का लाभ मिलना जारी रहेगा। किसी भी निवेशक के लिए, यह काफी अच्‍छा समय है और एंड यूजर के लिए घर खरीदने का एक अच्छा समय है। लोग अपने घरों की तलाश कर रहे हैं और महामारी के संदर्भ में दूसरे घर खरीद रहे हैं। कुल मिलाकर, हम आशा करते हैं कि सरकार ऐसे उपाय करना जारी रखेगी जो रियल एस्टेट क्षेत्र को मजबूत करेगा।

इकोनॉमी के लिए बेहतर फैसला
रेपो रेट को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हुए नारेडको - नेरल-कर्जत इकाई के अध्यक्ष गौतम ठाकर ने कहा कि आर्थिक विकास की प्रगति को बनाए रखने के लिए ऐसे समय के दौरान रेपो दरों को अपरिवर्तित रखना सबसे अच्छा निर्णय होता है। इसका मतलब यह भी है कि होम लोन की दरें कम ही रहेंगी। साथ ही अचल संपत्‍त‍ि में तेजी जारी रहेगी। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत ही सकारात्मक फैसला है।

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आने वाले दिनों में होगी चुनौती
आरबीआई के इस फैसले को नए घर खरीदारों के लिए एक अवसर बताते हुए; क्रेडाई एमसीएचआई (महाराष्ट्र चैंबर ऑफ हाउसिंग इंडस्ट्री) के सचिव प्रीतम चिवुकुला ने कहा कि हम नए कोविड-19 वेरिएंट ओमाइक्रोन के कारण आर्थिक अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए अपने उदार रुख को जारी रखने के आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हैं। अचल संपत्ति सेक्‍टर में मांग में तेजी का एक कारण ब्‍याज दरें कम होना भी रहा है। उन्‍होंने कहा कि हो सकता है कि कम ब्‍यज दरों में घर खरीदने का यह आखि‍री मौका हो। आरबीआई अपनी अगली पॉलिसी मीटिंग में इसमें इजाफा भी कर सकती है। साथ ही, कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण कीमतों को कम रखने के लिए डेवलपर्स के सामने एक बड़ी चुनौती होगी।

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ब्‍याज दरों में नहीं हुआ बदलाव
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक नीति समिति  ने 8 दिसंबर को प्रमुख लेंड‍िंग रेट, रेपो रेट में कोई बदलाव ना करते हुए 4 फीसदी पर रखा है। रेपो वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों को शॉर्ट टर्म में धन उधार देता है। यह लगातार नौवीं बार है जब पॉलिसी मीटिंग में प्रमुख उधार दर में कोई बदलाव नहीं किया है। यह घोषणा ओमाइक्रोन वैरिएशन के खतरे को देखते हुए लिया गया है। अब तक, भारत में दो दर्जन से अधिक ओमाइक्रोन मामले सामने आए हैं। जिसकी वजह से राज्यों को नए यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर किया है। ऐसी आशंका है कि ओमाइक्रोन उछाल से देश में कोविड-19 की तीसरी लहर पैदा हो सकती है।

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