सार
मौजूदा समय में देश में 32 करोड़ के आसपास फीचर फोन (Feature Phone Users) इस्तेमाल करते हैं। इन लोगों के लिए आरबीआाई जल्द यूपीआई पेमेंट प्रोडक्ट (UPI Payment) लांच करने की तैयारी कर रहा है।
बिजनेस डेस्क। देश के उन 32 करोड़ लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है जो फीचर फोन (Feature Phone Users) का इस्तेमाल करते हैं। अब वो भी स्मार्टफोन यूजर्स की तरह यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) कर पाएंगे। इसके लिए आरबीाअई यूपीआई पेमेंट प्रोडक्ट लाने का विचार कर रहा है। यह बात खुद आबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कही है। आापको बता दें कि आज आरबीआई गवर्नर तीन दिनों तक चली आरबीआई एमपीसी की बैठक में होने वाले फैसलों की घोषणा कर रहे थे।
फीचर फोन यूजर्स के लिए यूपीआई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई-आधारित भुगतान उत्पाद लॉन्च किए जाएंगे। गवर्नर ने आरबीआई की खुदरा प्रत्यक्ष योजना के लिए यूपीआई भुगतान के लिए लेनदेन की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया। आपको बता दें कि देश में 32 करोड़ लोग ऐसे हैं जो आज भी फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में वो यूपीआई पेमेंट सर्विस से महरूम हैं। इस सुविधा को अब फीचर फोन में लाने का विचार किया जा रहा है।
ये भी हुए फैसले
आरबीआई की रिटेल डायरेक्ट योजना केंद्रीय बैंक के साथ गिल्ट प्रतिभूति खाता खोलकर व्यक्तियों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सुविधा प्रदान करती है। गवर्नर ने कहा कि इससे यूपीआई भुगतान खंड को गहरा करने और उपभोक्ताओं के लिए लेनदेन को आसान बनाने में मदद मिलेगी। आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि वह भुगतान प्रणाली में विभिन्न शुल्कों पर एक चर्चा पत्र जारी करेगा जिसमें कार्ड, वॉलेट और यूपीआई शामिल हैं।
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रेपो दर में नहीं हुआ बदलाव
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक नीति समिति (RBI Monetary Policy) ने 8 दिसंबर को प्रमुख लेंडिंग रेट, रेपो रेट में कोई बदलाव ना करते हुए 4 फीसदी पर रखा है। रेपो वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों को शॉर्ट टर्म में धन उधार देता है। यह लगातार नौवीं बार है जब पॉलिसी मीटिंग में प्रमुख उधार दर में कोई बदलाव नहीं किया है। यह घोषणा ओमाइक्रोन वैरिएशन के खतरे को देखते हुए लिया गया है। अब तक, भारत में दो दर्जन से अधिक ओमाइक्रोन मामले सामने आए हैं। जिसकी वजह से राज्यों को नए यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर किया है। ऐसी आशंका है कि ओमाइक्रोन उछाल से देश में कोविड-19 की तीसरी लहर पैदा हो सकती है।