एप्पल, LG को पीछे छोड़ सैमसंग बना मोस्ट कंज्यूमर-फोकस्ड ब्रांड, टॉप टेन में शामिल हैं ये ब्रांड

सूची में शीर्ष पांच में से चार ब्रांड इलेक्ट्रानिक क्षेत्र से जुड़े हैं जबकि एक ब्रांड सौंदर्य प्रसाधन का है। वहीं शीर्ष दस में खानपान क्षेत्र का एक, वाहन क्षेत्र के दो और वित्त क्षेत्र का भी एक ब्रांड है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 28, 2019 2:32 PM IST

नई दिल्ली. उपभोक्ताओं के बीच किसी ब्रांड को खरीदने में कितनी सहजता है और वह ब्रांड अपने उपभोक्ताओं के साथ किस हद तक जुड़ा है, इसे लेकर तैयार की गयी एक सूची में दक्षिण कोरिया की मोबाइल कंपनी सैमसंग देश का सबसे उपभोक्ता केंद्रित ब्रांड बनकर सामने आयी है।

टीआरए कंपनी ने किया सर्वे 
ब्रांड सर्वेक्षण करने वाली कंपनी टीआरए रिसर्च ने अपनी ‘मोस्ट कंज्यूमर-फोकस्ड ब्रांड्स रिपोर्ट-2019’ का तीसरा संस्करण पेश किया है। इस सूची के लिए 19 मानकों पर 500 सबसे अधिक उपभोक्ता केंद्रित ब्रांडों की रैंकिंग की गयी और कुल 10,000 ब्रांडों के बीच यह सर्वेक्षण किया गया।। सूची में शीर्ष पांच में से चार ब्रांड इलेक्ट्रानिक क्षेत्र से जुड़े हैं जबकि एक ब्रांड सौंदर्य प्रसाधन का है। वहीं शीर्ष दस में खानपान क्षेत्र का एक, वाहन क्षेत्र के दो और वित्त क्षेत्र का भी एक ब्रांड है।

टॉप 100 में 56 भारतीय कंपनी 
सूची में लैपटॉप निर्माता डेल दूसरे पर, एप्पल तीसरे पर, एलजी चौथे पर और पॉन्ड्स पांचवे स्थान पर है। इसके बाद क्रमश: होंडा, भारतीय जीवन बीमा निगम, सोनी, टाटा मोटर्स और अमूल का स्थान है। शीर्ष 100 ब्रांड की सूची में 56 भारतीय ब्रांड हैं।

उपभोक्ताओं की सुन रहा है सैमसंग 
रिपोर्ट को बीते सप्ताह जारी किया गया। इस मौके पर टीआरए रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन. चंद्रमौली ने कहा, “ उपभोक्ता केंद्रित ब्रांड से आशय किसी ब्रांड के विज्ञापन अभियान से नहीं है, ना ही इसे किसी ब्रांड की रणनीति या योजना कहा जा सकता है। यह किसी ब्रांड के आम जनजीवन का हिस्सा बन जाने की बात है। यह किसी ब्रांड का दर्शन है जो दिखाता है कि लोगों के बीच किसी ब्रांड को खरीदने को लेकर कितनी सहजता है और इसे कोई ब्रांड ग्राहकों के साथ लगातार जुड़े रहकर ही हासिल कर सकता है।’’उन्होंने कहा कि उपभोक्ता जो कह रहे हैं, सैमसंग उसे सुन रही है और इसलिए वह नवोन्मेष करके उपभोक्ता केंद्रित उत्पाद बना रही है।

(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
 

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