भारी कर्ज से परेशान ब्रिटिश मूल टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन भारत से अपने कारोबार को कभी भी समेट सकती है। खबरों की माने तो कंपनी पर भारी कर्ज है जो दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। सबसे बढ़ी चिंता तो ये है कि कंपनी के सब्सक्राइबर्स हर महीने लाखों की संख्या में घट रहे हैं। बाजार में शेयर का घटता दाम भी कंपनी की चिंता बढ़ा रही है।
नई दिल्ली. भारत में 4जी इंटरनेट के इंट्री के बाद से कई कंपनियों की हालात दिन प्रति दिन खराब होती नजर आ रही है। टेलीकॉम ऑपरेटरों के इस दौड़ का एक खिलाड़ी वोडाफोन आइडिया वेंचर अब खेल से जल्द ही बाहर हो सकता है। खबरों कि माने तो वोडाफोन आइडिया देश में अपने कारोबार को बंद करने जा रही है। सरकार का AGR पर कड़े रूख से कंपनी की हालत और खराब होती दिख रही है। करीब 40,000 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी कंपनी को इस फैसले से राहत मिलती नही दिख रही है। उधर कंपनी के लाखों सब्सक्राइबर्स हर महीने कंपनी को छोड़ रहे हैं।
AGR से मुश्किलें और बढ़ी
न्यूज एजेंसी Indo-Asian News Service(आइएएनएस ) ने वोडाफोन के प्रवक्ता से खबरों की सच्चाई जानने की कोशिश की, लेकिन कंपनी की ओर से कोई जवाब नही मिला। जिससे चर्चा और तेज हो गई है कि कंपनी भारती में कामकाज को किसी भी वक्त बंद करने पर विचार कर रही है। दरअसल हाल ही में AGR पर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वोडाफोन आइडिया को अगले तीन महीने में करीब 28,309 करोड़ को जमा करना होगा।
स्टॉक का गिरता भाव
फैसले के बाद बुधवार को वोडाफोन आइडिया का स्टॉक 52 हफ्तों के नीचले स्तर 3.66 पर आ गया। मार्केट में इसक निवेश कई अरब डॉलर का है जबकि पूंजी करीब 11,091 करोड़ की बची है। AGR पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कंपनी ने मीडिया में स्टेटमेंट जारी कर कहा था कि कंपनी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से काफी आहत है।
देनी पड़ी सफाई
खबरें थी कि वोडाफोन आइडिया कंपनी कर्जदाताओं से बात कर रही है कि कर्ज की शर्तों में बदलाव किए जाने चाहिए। हालांकि कंपनी ने इस खबर को खारिज करते कहा कि यह झूट फैलाया जा रहा है। कंपनी अभी कर्ज अदा करने की हालत में है