विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा ने ऑफर लेटर देने के बाद फ्रेशर्स को नहीं दी जॉब, कैंसिल की हायरिंग

देश की जानी-मानी आईटी कंपनी विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा ने फ्रेशर्स को ऑफर लेटर देने के हायरिंग रद्द कर दी है। विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा सहित आईटी कंपनियों ने कई तरह की हायरिंग्स को रद्द कर दिया है, जो उन्होंने छात्रों के ऑफर किए थे। आईटी फर्मों ने कथित तौर पर मौजूदा हालात को देखते हुए यह निर्णय लिया है और हायरिंग्स को रद्द कर दिया है। 

Manoj Kumar | Published : Oct 3, 2022 12:00 PM IST / Updated: Oct 03 2022, 05:47 PM IST

Hiring Cancels In IT Companies. देश की जानी-मानी आईटी कंपनी विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा ने फ्रेशर्स को ऑफर लेटर देने के हायरिंग रद्द कर दी है। विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा सहित आईटी कंपनियों ने कई तरह की हायरिंग्स को रद्द कर दिया है, जो उन्होंने छात्रों के ऑफर किए थे। आईटी फर्मों ने कथित तौर पर मौजूदा हालात को देखते हुए यह निर्णय लिया है और हायरिंग्स को रद्द कर दिया है। 

कई कंपनियों ने ऑफर लेटर वापस लिए
विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा के साथ ही कई और कंपनियों ने भी ऑफर लेटर देने के बाद जॉब देने से मना कर दिया है। आईटी कंपनियों ने फिलहाल 3-4 महीनों के लिए हायरिंग पर भी रोक लगा दी है। कंपनियों का कहना है कि वे कंपनी गाइडलाइंस के अनुसार यह कार्य कर रही हैं। एक हालिय रिपोर्ट बताती है कि आईटी फर्मों जैसे इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा ने महीनों तक ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में देरी के बाद छात्रों को दिए गए ऑफर लेटर को रद्द कर दिया है। वहीं छात्रों का दावा है कि उन्होंने करीब 3-4 महीने पहले टॉप टेक कंपनियों में जॉब के लिए अप्लाई किया था। साक्षात्कार के होने के बाद उन्हें ऑफर लेटर दिए गए थे और वे नौकरी शुरू करने का इंतजार कर रहे थे। हालांकि आईटी फर्मों द्वारा ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में महीनों तक देरी की गई और बाद में इसे कैंसिल कर दिया गया। 

स्टूडेंट्स को भेजा गया लेटर
आईटी कंपनियों ने जो लेटर स्टूडेंट्स को दिए हैं, उसमें लिखा गया है कि उनका जॉब ऑफर लेटर रद्द किया जा रहा है। छात्रों ने आगे बताया कि टेक कंपनियों ने पात्रता मानदंड और कंपनी के दिशानिर्देशों के आधार पर उनके प्रस्ताव पत्रों को रद्द करने का फैसला लिया है। कंपनियों ने यह दावा किया है कि जिन स्टूडेंट्स को ऑफर लेटर दिए गए हैं, वे कंपनी की शैक्षणिक योग्यता मानदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं। इसलिए आपका प्रस्ताव शून्य है। आईटी फर्मों द्वारा अपने ऑफर लेटर को ऑनबोर्ड करने या वापस लेने में देरी की खबरें ऐसे समय में आई हैं जब दुनिया भर में आईटी उद्योग में मंदी की बात हो रही है। शहरों में इस बात की भी चर्चा है कि पैसे की आपूर्ति नहीं होने के कारण दुनिया भर में ब्याज दरें बढ़ रही हैं। वहीं आईटी दुनिया में स्टार्टअप के लिए उपलब्ध आसान धन की आपूर्ति कम हो रही है। 

आईटी कंपनियां कर रहीं देरी
अभी जहां तक ​​भारतीय आईटी कंपनियों का सवाल है तो पहले भी कई रिपोर्टों से पता चला था कि आईटी कंपनियां अब नई भर्तियों की ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में 3-4 महीने की देरी कर रही हैं। कई फ्रेशर्स ने लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसके बारे में लिखा भी है।

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