9 अप्रैल, 1985 को संयुक्त राष्ट्र (UN) ने उपभोक्ता संरक्षण के लिए सामान्य दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी थी। साल 1983 में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) पहली बार मनाया गया। उसी समय से विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस हर साल 15 मार्च को मनाया जाता है।
बिजनेस डेस्क। 9 अप्रैल, 1985 को संयुक्त राष्ट्र (UN) ने उपभोक्ता संरक्षण के लिए सामान्य दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी थी। साल 1983 में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) पहली बार मनाया गया। उसी समय से विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस हर साल 15 मार्च को मनाया जाता है। उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों (Consumer Rights in India) के लिए जागरूक किए जाने की जरूरत को देखते हुए भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत 1966 में महाराष्ट् से हुई थी। साल 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण के लिए संस्थाओं का गठन किया गया और इसके बाद यह आंदोलन बढ़ता गया। 9 दिसंबर 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित किया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बार देशभर में लागू हुआ। पिछले साल 20 जुलाई को इस कानून में संशोधन कर ग्राहकों को और अधिक सशक्त और सक्षम बनाने की कोशिश की गई है।
विश्व उपभोक्ता दिवस की थीम
हर साल विश्व उपभोक्ता दिवस की थीम अलग-अलग होती है। इस बार विश्व उपभोक्ता दिवस 2021 की थीम है 'प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना'। इस थीम का मकसद प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर जागरूकता फैलाना है, ताकि पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) में सुधार लाया जा सके। बता दें कि प्लास्टिक कचरे की वजह से प्रदूषण सबसे ज्यादा बढ़ता जा रहा है। इससे बचने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक करने की जरूरत है।
विश्व उपभोक्ता दिवस का महत्व
वैसे तो भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस 24 दिसंबर को मनाया जाता है। इसी दिन भारत में ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1949 को स्वीकार किया गया था। हालांकि, विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 15 मार्च को ही मनाया जाता है। भारत में उपभोक्ताओं के अधिकारों को सूचीबद्ध किया गया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने उपभोक्ताओं के कई अधिकार सूचीबद्ध किए हैं। इनमें सुरक्षा का अधिकार, सूचना दिए जाने का अधिकार, चुनाव करने का अधिकार, शिकायत सुने जाने का अधिकार, समस्या के समाधान का अधिकार और उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार शामिल हैं।
कैसे आया इसका विचार
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का विचार अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने दिया था। 15 मार्च 1962 को राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दे को उठाया था। वे उपभोक्ता अधिकारों की बात करने वाले दुनिया के पहले नेता थे।