Christmas: इसे कहा जाता है एशिया का सबसे अच्छा चर्च, 27 साल में बनकर हुआ था तैयार, जानें क्या है इसका इतिहास

Published : Dec 25, 2021, 04:33 PM ISTUpdated : Dec 25, 2021, 04:39 PM IST
Christmas: इसे कहा जाता है एशिया का सबसे अच्छा चर्च,  27 साल में बनकर हुआ था तैयार, जानें क्या है इसका इतिहास

सार

जानकारी के मुताबिक साल 1850 में सीहोर नगर में बने इस चर्च में पहली बार प्रार्थना की गई थी। हर साल 25 दिसम्बर को क्रिसमस पर यहां विशेष आयोजन होते हैं, यह चर्च स्कॉटलैंड में बने चर्च को देख कर बनवाया गया था।

करियर डेस्क. 25 दिसंबर को दुनिया भर में क्रिसमस डे (Christmas Day) मनाया जा रहा है। इसे मनाने के लिए कई दिनों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं। 25 दिसंबर को ईसाह मसीह (Jesus) का जन्म हुआ था। ईसाह मसीह को यीशू के नाम से भी जाना जाता है और उन्हें ईसाई धर्म (Christianity) का संस्थापक माना जाता है। हम आपको ऐसे चर्च के बारे में बताते हैं, जिसके बारे कहा जाता है कि ये 27 साल में बनकर तैयार हुआ। जो एशिया की सबसे सुंदर चर्च मानी जाती है। इस चर्च को स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की कॉपी भी कहा जाता है।

मध्यप्रदेश के सीहोर में बना यह चर्च 185 साल पुराना है और इसे बनाने में 27 साल लगे थे। इस चर्च को ऑल सेंट्स चर्च के नाम से देश भर में जाना जाता है। इस चर्च का निर्माण सन 1834 में अंग्रेजी हुकुमत के पहले पॉलिटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में बनवाया था। इस चर्च के बारे में कहा जाता है कि 1869 में लन्दन न्यूज में इसका फोटो भी प्रकाशित हुआ था।

कब हुई थी पहली बार प्रार्थना
जानकारी के मुताबिक साल 1850 में सीहोर नगर में बने इस चर्च में पहली बार प्रार्थना की गई थी। हर साल 25 दिसम्बर को क्रिसमस पर यहां विशेष आयोजन होते हैं, यह चर्च स्कॉटलैंड में बने चर्च को देख कर बनवाया गया था। इस तरह का चर्च अब भी स्कॉटलैंड में होना बताया जाता है। इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए, जिससे हरियाली से भरपूर वातावरण मिल सके।

चर्च की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई हैं, नक्काशी भी उसी तरह की गई जिस तरह की स्कॉटलैंड चर्च में की गई है। चर्च में वास्तुशास्त्र का भी ध्यान रखा गया है। बताया जाता है कि 1818 में भोपाल रियासत अंग्रेजी हुकूमत के कब्जे में आ गई और करीब छह साल बाद अंग्रेजी हुकूमत ने यहां सैनिक छावनी बनाई। इसके बाद 1834 में पहले पॉलीटिकल एजेंट के रूप में जेडब्ल्यू ओसवार्न सीहोर आए और प्रकृति प्रेमी ओसवार्न ने चर्च और उसके आस-पास के इलाके को सुंदर और हरा भरा बनाया।

यह चर्च पुरातत्व विभाग द्वारा संग्रहित इमारतों की सूची का एक हिस्सा है और अपनी भव्यता एवं सौंदर्य के कारण पूरे प्रदेश के आकर्षण का केंद्र है। यह भोपाल रियासत का पहला चर्च है. ऑल सेंट्स चर्च भोपाल रियासत का पहला चर्च था, इसीलिए इस चर्च में भोपाल और उसके आसपास रहने वाले अंग्रेज अधिकारी अक्सर प्रार्थना के लिए आया जाया करते थे।

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