सार

रोजमर्रा के संवाद में इस्तेमाल होने वाले कुछ चुनिंदा मुहावरों और उनके अर्थों को जानें। खुदा का फजल से लेकर दूसरों की जुगाली करने तक, समझें इनके पीछे छुपे गहरे मतलब।

मुहावरे किसी भी भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, जो हमारे रोज़मर्रा के संवाद में गहराई और रंग भरते हैं। ये ऐसे विशेष शब्द समूह होते हैं जिनका अर्थ उनके सीधे शब्दों से नहीं समझा जा सकता, बल्कि उनके पीछे एक छुपा हुआ संदेश होता है। जिनसे न सिर्फ बातें रोचक बनती हैं, बल्कि भावनाओं और विचारों को प्रभावी तरीके से व्यक्त करने का तरीका भी मिलता है। मुहावरे भाषा में रचनात्मकता, चतुराई और समझ का अद्भुत संयोजन प्रस्तुत करते हैं, जो बातचीत को संक्षिप्त, सजीव और मनमोहक बनाते हैं।

मुहावरा- "खुदा का फजल"

मुहावरे का अर्थ: ईश्वर की कृपा या आशीर्वाद। जब किसी को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने में मदद मिलती है या किसी विशेष सहायता का अनुभव होता है, तो इसे "खुदा का फजल" कहा जाता है। इसका अर्थ है कि ईश्वर ने उस व्यक्ति की मदद की है और उसकी स्थिति को बेहतर किया है।

मुहावरा- "जल्दी मचाना"

मुहावरे का अर्थ: किसी कार्य को जल्दबाजी में करना। जब कोई व्यक्ति किसी काम को बिना पूरी तैयारी या सोच-विचार के जल्दी से करता है, तो उसे "जल्दी मचाना" कहा जाता है। यह अक्सर नकारात्मक परिणामों का कारण बन सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र परीक्षा में बिना तैयारी के जा रहा है, तो कहा जा सकता है कि वह "जल्दी मचा रहा है।"

मुहावरा- "बातों में बटन लगाना"

मुहावरे का अर्थ: बातचीत को रोचक या महत्वपूर्ण बनाना। जब कोई व्यक्ति अपनी बातों में ऐसी चीज जोड़ता है जो उसे औरों के लिए रुचिकर बनाते हैं, तो यह मुहावरा इस्तेमाल होता है। जैसे, यदि कोई कहानीकार अपनी कहानी में रोचक घटनाओं का समावेश करता है, तो कहा जा सकता है कि उसने "बातों में बटन लगाया।"

मुहावरा- "खुशामद करना"

मुहावरे का अर्थ: किसी की तारीफ या चापलूसी करना ताकि उसका समर्थन या सहयोग प्राप्त किया जा सके। जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की प्रशंसा इस उद्देश्य से करता है कि वह उससे कोई लाभ या सहायता प्राप्त कर सके, तो इसे "खुशामद करना" कहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी अपने बॉस की अधिक प्रशंसा करता है ताकि वह उसकी पदोन्नति का समर्थन करे, तो यह स्थिति "खुशामद करना" कहलाएगी।

मुहावरा- "दूसरों की जुगाली करना"

मुहावरे का अर्थ: किसी की बातों या विचारों को बिना सोचे-समझे दोहराना। जब कोई व्यक्ति किसी और की बातें या विचारों को बिना किसी समझ के, केवल इसलिए दोहराता है क्योंकि उसने उसे सुना है, तो इस मुहावरे का उपयोग किया जाता है। यह अक्सर तब होता है जब कोई बिना सोच विचार किए ही किसी की राय को स्वीकार कर लेता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र सिर्फ अपने साथी से सुनी हुई बात को अपने शिक्षक के सामने प्रस्तुत करता है, तो यह कहा जा सकता है कि वह "दूसरों की जुगाली कर रहा है।"

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