इन शिविरों में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स और स्थानीय वन अधिकारी द्वारा विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा। शिविरों में प्रशिक्षित विद्यार्थी वन्य-प्राणियों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रभावशाली संवाहक की भूमिका निभाते हैं।
करियर डेस्क. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी और प्राइवेट स्कूल (government and private schools) के छात्रों को वन्य प्राणी और पर्यावरण संरक्षण (Wildlife and Environment Protection) के प्रति जागरूक किया जाएगा। दरअसल, प्रदेश के शासकीय और अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को अनुभूति कार्यक्रम के जरिए वन्य-प्राणी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाएगा। इस साल 3 लाख 20 हजार विद्यार्थियों को जागरूक करने का लक्ष्य है। कार्यक्रम का शुभारंभ दिसम्बर 2021 में इन्दौर जिले के यूनिक हायर सेकण्डरी मानपुर में 43 विद्यार्थियों के शिविर के आयोजन से किया गया है।
ईको पर्यटन विकास बोर्ड के सीईओ सत्यानंद ने बताया कि प्रदेश के सभी वन क्षेत्रों में कोविड-19 के मार्गदर्शी निर्देशों का पालन करते हुए अनुभूति शिविरों के माध्यम से जनवरी माह में शासकीय विद्यालयों के 1 लाख 20 हजार विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। वर्ष की शेष अवधि में अशासकीय विद्यालयों के 2 लाख विद्यार्थियों को “कार्यक्रम” से जोड़ा जाएगा। अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए सशुल्क शिविर लगेंगे।
उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा ईको पर्यटन के जरिए विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को प्राकृतिक स्थलों में निर्धारित नेचर ट्रेल पर वनों, वन्य-प्राणियों की जानकारी, पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, पक्षी दर्शन, तितली दर्शन, वन्य प्राणी दर्शन के साथ वन प्रबंधन से रू-ब-रू कराया जाता है। इन शिविरों में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स और स्थानीय वन अधिकारी द्वारा विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा। शिविरों में प्रशिक्षित विद्यार्थी वन्य-प्राणियों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रभावशाली संवाहक की भूमिका निभाते हैं।
बता दें कि मप्र इको पर्यटन विकास बोर्ड एवं वन विभाग द्वारा स्कूली बच्चों में पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से 28 दिसम्बर को वन परिक्षेत्र जैतहरी अर्तगत वेंकटनगर के रानीतालाब में अनूभूति कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के करीब 120 बच्चों को जंगल भमण कराते हुए पक्षी और पक्षियों की प्रकृति व रहवास के बारे में जानकारी दी गई थी।
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