इन 5 तरीकों से भारतीय सेना में बन सकते हैं लेफ्टिनेंट, पॉइंट टू पॉइंट समझें

Published : Aug 30, 2022, 06:48 PM IST
इन 5 तरीकों से भारतीय सेना में बन सकते हैं लेफ्टिनेंट, पॉइंट टू पॉइंट समझें

सार

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी और चौथी सबसे शक्तिशाली इंडियन आर्मी में जाकर लेफ्टिनेंट बनने का सपना हर युवा का होता है। क्या आप जानते हैं लेफ्टिनेंट रैंक क्या होता है? लेफ्टिनेंट बनने के लिए क्या-क्या करना होता है? 

करियर डेस्क : इंडियन आर्मी (Indian Army) में रहकर देश की सेवा करने अपने आप में गर्व और प्रतिष्ठा की बात होती है। कई बार आपने मूवी या किसी और माध्यम से लेफ्टिनेंट (Lieutenant) शब्द सुना होगा। मन में सवाल आया होगा कि आखिर लेफ्टिनेंट होते क्या हैं, सेना में उनकी रैंक क्या होती है और अगर किसी को लेफ्टिनेंट बनना  है तो क्या-क्या करना होता है और किस-किस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है? आज के आर्टिकल में आपके इन्हीं सवालों का जवाब लेकर आए हैं। आप सेना में पांच तरीकों से लेफ्टिनेंट बन सकते हैं..जानें कैसे...

क्या होते हैं लेफ्टिनेंट
भारतीय सेना में अफसर रैंक दो भागों में बंटा हुआ है। कमीशन और गैर-कमीशन। लेफ्टिनेंट कमीशन अधिकारियों में आते हैं। आर्मी में लेफ्टिनेंट सबसे कम रैंक या शुरुआती रैंक वाला ऑफिसर होता है। वह 40 से 60 सब-ऑर्डिनेट (अधीनस्थ) या सैनिकों की टुकड़ी की कमान संभालता है। ये लोग लेफ्टिनेंट को डायरेक्ट रिपोर्ट करते हैं। इस रैंक पर दो साल की सेवा के बाद लेफ्टिनेंट का प्रमोशन कैप्टन रैंक पर किया जाता है। इस पद पर 6 साल की सेवा पूरी होने के बाद मेजर की रैंक पर प्रमोट होते हैं। समय-समय पर आगे जो रैंक निर्धारित है, उस पर उनकी पदोन्नति होती रहती है।

इन 5 तरीकों से बन सकते हैं लेफ्टिनेंट

  1. 12वीं के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तरफ से आयोजित NDA की परीक्षा में पास होकर और ट्रेनिंग पूरी कर लेफ्टिनेंट बन सकते हैं।
  2. 10+2 की पढ़ाई के दौरान साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स इंडियन आर्मी टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (TGC) कंप्लीट कर लेफ्टिनेंट बन सकते हैं।
  3. ग्रेजुएशन फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स संघ लोक सेवा आयोग की सीडीएस (CDS) परीक्षा क्वॉलीफाई कर ट्रेनिंग पूरी करने के बाद लेफ्टिनेंट बन सकते हैं।
  4. इंजीनियरिंग कर रहे छात्र विश्वविद्यालय प्रवेश योजना (University Entry Scheme) के तहत आर्मी में शामिल होकर लेफ्टिनेंट बन सकते हैं।
  5. तकनीकी प्रवेश योजना (TES) के माध्यम से भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का चांस होता है।

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