टीचर्स के लिए बड़ा फैसला: CTET का सर्टीफिकेट अब 7 साल नहीं आजीवन होगा वैध, पढ़ें पूरी डिटेल्स

एनसीटीई ने इसकी वैधता को अब 7 साल से बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई- NCTE) ने यह महत्वपूर्ण फैसला 29 सितंबर 2020 को आयोजित 50वीं आम सभा की बैठक में लिया।

Asianet News Hindi | Published : Oct 21, 2020 5:57 AM IST / Updated: Oct 21 2020, 12:35 PM IST

करियर डेस्क. CTET certificate validity 2020: शिक्षकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) की वैधता को सात साल से बढ़ाकर आजीवन करने का फैसला लिया है। कैंडिडेट को अब अपने जीवन में केवल एक बार CTET की परीक्षा देना है। सीटेट (Central Teacher Eligibility Test, CTET) परीक्षा की वैलिडिटी को बढ़ा दिया है। 

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन, एनसीटीई ने यह फैसला 50वें जनरल एसेंबली मीटिंग में लिया गया। उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने CTET को पहले मान्यता दे रखी है। एनसीईटी के इस फैसले का फायदा यूपी के बेरोजागारों को भी मिलेगा।

एनसीटीई ने इस फैसले की सूचना 13 अक्टूबर को दी। उत्तर प्रदेश सरकर द्वारा आयोजित यूपी अध्यापक पात्रता परीक्षा की वैधता केवल पांच वर्ष के लिए है। ऐसे में अब जब सीटीईटी की वैधता आजीवन कर दी गई है तो यह मांग उत्तर प्रदेश के टीईटी परीक्षार्थियों द्वारा भी उठाई जा सकती है।

दो बार होती है परीक्षा

सीटेट परीक्षा एक साल में दो बार आयोजित जाती है। एक जुलाई में दूसरी दिसंबर में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद् साल में दो बार केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा {CTET} का आयोजन करता है। पहली परीक्षा जुलाई महीने में जबकि दूसरी परीक्षा दिसंबर में आयोजित की जाती है।

सीटेट के पेपर -1 में शामिल कैंडिडेट्स प्राइमरी के लिए अर्थात कक्षा एक से कक्षा 5 तक पढ़ाने के लिए योग्य होता है। वहीं पेपर -2 में शामिल होने वाला कैंडिडेट्स कक्षा 6 से कक्षा 8 तक पढ़ाने का पात्र माना जाता है। कैंडिडेट्स को यह छूट है कि वह चाहे तो पेपर -1 में या पेपर -2 में या फिर दोनों पेपरों की परीक्षा दे सकता है। बहरहाल, इस फैसले से सीटीईटी करने वाले युवाओं को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।

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