दुनिया के ऐसे देश जहां पढ़ने एक रुपए भी नहीं लगती फीस, नौकरी जाने पर हर महीने सैलरी देती है सरकार

दुनिया के कुछ ऐसे देश हैं, जहां मुफ्त में शिक्षा दी जाती है। आप प्राइवेट या सरकारी किसी भी संस्थान से जितना चाहे उतनी पढ़ाई कर सकते हैं। एक देश तो ऐसा भी है, जहां दूसरे देशों से आने वालों को भी फ्री में एजुकेशन दिया जाता है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 23, 2022 12:04 PM IST

करियर डेस्क : शिक्षा (Education) किसी देश की रीढ़ मानी जाती है। जिस देश में जितना ज्यादा शिक्षित लोग होंगे, उसका विकास भी उतनी ही तेजी से होता है। शिक्षा और रोजगार सरकार की प्राथमिकताओं में रखा गया है। यह मूलभूत जरुरते हैं, इसलिए दुनियाभर की सरकारों ने इसको लेकर अपने-अपने देश में कई प्रयास किए हैं और कर रहे हैं। दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां पढ़ने के लिए एक रुपए की फीस भी नहीं लगती। यानी इन देशों में फ्री में पढ़ाई होती है। यहां सरकारें शिक्षा का पूरा खर्च उठाती हैं। इतना ही नहीं अगर किसी की नौकरी चली जाए तो सरकार उसे सैलरी भी देती है। आइए जानते हैं ऐसे देशों के बारें में..

यहां फ्री में होती है पढ़ाई
शिक्षा को लेकर विश्व में यूरोपीय देश सबसे आगे हैं। कई ऐसे यूरोपीय देश हैं, जहां मुफ्त में शिक्षा दी जाती है। इसमें जर्मनी (Germany), फिनलैंड (Finland), नॉर्वे (Norway), स्वीडन (Sweden), डेनमार्क (Denmark) और ग्रीस (Greece) आते हैं। यहां पढ़ने-लिखने के लिए एक भी रुपया नहीं देना पड़ता। इसके साथ ही अफ्रीका के कुछ देशों में भी यह सुविधा है। इसमें मोरक्को, मिश्र, केन्या शामिल हैं। जबकि दक्षिण अमेरिका के ब्राजील, अर्जेंटीना और उरूग्वे में भी फ्री एजुकेशन दिया जाता है। मध्य अमेरिका के पनामा और एशिया के मलेशिया में भी पढा़ई-लिखाई पूरी तरह फ्री है।

प्राइवेट या सरकारी, कहीं नहीं लगती फीस
शिक्षा व्यवस्था को लेकर विश्व में टॉप पोजिशन रखने वाले फिनलैंड में हर किसी को फ्री में पढ़ाया जाता है। यहां कोई कितनी भी पढ़ाई करना चाहे। सरकारी या प्राइवेट किसी भी संस्थान में एक रुपया भी फीस नहीं देनी पड़ती। सबसे खास बात यह कि यह सुविधा सिर्फ फिनलैंड के नागरिकों को लिए नहीं बल्कि दूसरे देश से भी जाने वालों को मुफ्त में शिक्षा दी जाती है।

नौकरी जाने पर सरकार देती है सैलरी
यूरोपीय देश एक और मामले में सबसे आगे हैं। यहां बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान है। सबसे पहले बात डेनमार्क की। डेनमार्क एक ऐसा देश है, जहां अगर किसी की जॉब चली जारी है या उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है तो सरकार दो साल तक उसे हर महीने सैलरी देती है। स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम में भी बेरोजगारों को भत्ता दिया जाता है. वहीं, यूके में नौकरी जाने पर सरकार 6 महीने तक उस शख्स को भत्ता देती है। अमेरिका में भी नौकरी नहीं होने पर सरकार तब तक भत्ता देते है, जब तक जॉब मिल नहीं जाती।

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