एयर इंडिया पायलट जोया अग्रवाल ने, धारावी की लड़की के पायलट बनने का सपना किया साकार

Published : Jan 06, 2024, 10:14 AM ISTUpdated : Jan 06, 2024, 06:50 PM IST
Air India Pilot Zoya Agarwal helps Dharavi girl in realizing becoming pilot

सार

मुबई के धारावी की लड़की नाद्रत के माता-पिता ने उसे एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया था। जब उन्हें पता चला कि वह उड़ान भरना चाहती है, आर्थिक परिस्थियों ने उनके कदम रोक दिये। तब कैप्टन जोया अग्रवाल ने इस लड़की की मदद की। 

एयर इंडिया की पायलट कैप्टन जोया अग्रवाल ने मुंबई की झुग्गी बस्ती धारावी की एक लड़की नाद्रत की पायलट बनने के उसके सपने को साकार करने में सहायता की। हालांकि नाद्रत के माता-पिता ने उसे एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया लेकिन जब उन्हें पता चला की उनकी बेटी उड़ान भरना चाहती है, आर्थिक परेशानियों ने उसके सपने को पंख देने से रोक दिया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में आवेदन करने के बाद नाद्रत ने प्रवेश परीक्षा भी उत्तीर्ण की लेकिन अपनी महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाने के लिए उसके परिवार के पास उसके एडमिशन के लिए पैसे की कमी थी।

नाद्रत ने भारत की बेटी' जोया अग्रवाल से मदद मांगी

तब उसी वक्त नाद्रत ने 'भारत की बेटी' जोया अग्रवाल से मदद मांगी। झुग्गी बस्ती की एक लड़की के पायलट बनने के सपने को पूरा करने में उसकी मदद करने के बारे में एयर इंडिया की पायलट कैप्टन जोया अग्रवाल ने कहा यह तो बस शुरुआत है... मैं इसे एक सपने से हकीकत में बदलना चाहती हूं, हर उस लड़की के लिए जो इसके बारे में सोचती है। हमारी लड़कियों की जरूरत है... हम अपनी लड़कियों को सिर्फ इसलिए हतोत्साहित नहीं होने दे सकते क्योंकि उनके पास संसाधनों की कमी है... "यह मेरी तरफ से एक कदम है पीएम मोदी के 75 साल की उम्र में चमकते भारत के सपने में...''

फ्लाइंग स्कूल प्रवेश परीक्षा पास कर ली, फिर भी अस्वीकार कर दिया गया

कैप्टन जोया अग्रवाल के नाद्रत के पायलट बनने के सपनों को पूरा करने में मदद करने पर, नाद्रत (धारावी की झुग्गी बस्ती की लड़की) ने कहा मेरी मां चाहती थीं कि मैं इंजीनियरिंग करूं लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मैं पायलट बनना चाहती हूं। मेरे ट्रेनिंग के लिए पैसे उपलब्ध कराने के लिए कोई संसाधन नहीं है। भले ही मैंने फ्लाइंग स्कूल प्रवेश परीक्षा पास कर ली, फिर भी मुझे अस्वीकार कर दिया गया। क्योंकि मेरे पास एडमिशन के लिए पैसे नहीं थे...जब से जोया अग्रवाल को पीएम मोदी से 'भारत की बेटी' पुरस्कार मिला है , मुझे लगा कि वह ही मेरी कहानी पूरी करने में मेरी मदद करेंगी...'' इसलिए मैनें उनसे कॉन्टैक करने की कोशिश की और उन्होंने मेरी मदद की। देखिए वीडियो… साभार- एएनआई

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About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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