NCF DRAFT : किसी क्लास से होनी चाहिए लिखित परीक्षा, कैसा होना चाहिए स्कूल एजुकेशन, जानिए

एनसीएफ ने अपनी ड्राफ्ट में बताया है कि बच्चों के बीच और उनकी पढ़ाई-लिखाई में मूल्यांकन के तरीकों को बढ़ाना चाहिए। इससे बच्चों को सीखने के लिए अलग-अलग माध्यम मिलेंगे। सीखने के रिजल्ट और उनके टैलेंट का मूल्यांकन अलग-अलग तरीके से हो सकता है।

Contributor Asianet | Published : Apr 7, 2023 12:41 PM IST / Updated: Apr 08 2023, 10:50 AM IST

करियर डेस्क : आज एग्जाम का प्रेशर छोटी उम्र के बच्चों पर ही पड़ने लगा है। प्ले स्कूल और नर्सरी में ही लिखित परीक्षा और रिजल्ट से बच्चों पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ने लगा है। इससे कम उम्र में ही उनमें कॉम्पटिशन की भावना भी आ जाती है। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के ड्राफ्ट (NCF DRAFT) ने इसे अनुचित बताते हुए दूसरी क्लास तक लिखित परीक्षा बंद करने का सुझाव दिया है। एनसीएफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि स्कूलों में तीसरी क्लास से ही रिटेन एग्जाम होना चाहिए।

क्या है एनसीएफ ड्राफ्ट

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एनसीएफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बच्चों के मूल्यांकन की पद्धति ऐसी होनी चाहिए, जिससे उन्हें कुछ सीखने को मिले, न ही एक्स्टा बर्डन पड़ जाए। नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत तैयार हो रहे एनसीएफ रिपोर्ट में बताया गया कि छोटे बच्चों के मूल्यांकन के लिए दो पद्धतियां अहम हो सकती है। इससे बुनियादी स्तर पर उनका आंकलन हो सकता है। इस तरह से सामग्री बनाकर उनका विश्लेषण करना चाहिए। रिपोर्ट में स्पेशिफिक टेस्ट और रिटेन एग्जाम दूसरी क्लास के लिए पूरी तरह सही नहीं है।

बच्चों में सीखने का अलग तरीका

एनसीएफ ने अपनी ड्राफ्ट में बताया है कि बच्चों के बीच और उनकी पढ़ाई-लिखाई में मूल्यांकन के तरीकों को बढ़ाना चाहिए। इससे बच्चों को सीखने के लिए अलग-अलग माध्यम मिलेंगे। सीखने के रिजल्ट और उनके टैलेंट का मूल्यांकन अलग-अलग तरीके से हो सकता है। टीचर को एक समान सीखने के रिजल्ट और मार्किंग की पद्धति तैयार करनी चाहिए। इसका सही उपयोग भी होना चाहिए।

बच्चों का डेवलपमेंट जरूरी

इस ड्राफ्ट में बताया गया है कि मूल्यांकन को रिकार्ड और दस्तावेज करने के लिए बनाया जाना चाहिए। बच्चों की प्रगति की डिटेलिंग के लिए सही तरह से चीजें समझनी चाहिए। एनसीएफ रिपोर्ट में तीसरी क्लास से पांचवी क्लास तक मूल्यांकन को लेकर कहा गया है कि इस स्तर पर रिटेन एग्जाम सही रह सकता है।

नई शिक्षा नीति

बता दें कि नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में किया जाएगा। इसका मतलब अब स्कूल से पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल कर दिया जाएगा। अगले तीन साल को क्लास 3 से 5 के लिए बांटा जाएगा। फिर मध्य चरण कक्षा 6वीं से 8वीं और चार साल तक कक्षा 9 से 12 तक होगा। स्कूलों में आर्ट्स कला, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम का कठोर पालन नहीं होगा। मतलब छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें ले सकते हैं।

क्या है एनसीएफ

मंत्रालय की तरफ से अक्टूबर 2022 में 3-8 साल के बच्चों के लिए मूलभूत चरण (NCF-FS) के लिए NCF लॉन्च किया गया। उसी नीति को जारी रखते हुए स्कूली शिक्षा के लिए अगला NCF तैयार हो रहा है. इसमें 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं में सुधार, 10 + 2 से 5 + 3 + 3 + 4 में बदलाव की रूपरेखा तैयार हो रही है। इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में कमेटी ने प्री-ड्राफ्ट तैयार किया है।

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