CBSE ने विंटर बाउंड स्कूलों के लिए प्रैक्टिकल एग्जाम 2025-26 की डेट्स जारी कर दी हैं। जानें कक्षा 10 और 12 के लिए प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल असेसमेंट कैसे आयोजित होंगे और मार्क्स अपलोड करने की प्रक्रिया क्या है।
CBSE Practical Exam 2025-26: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने विंटर बाउंड स्कूलों के लिए प्रैक्टिकल परीक्षा की तारीखें जारी कर दी हैं। उम्मीदवार बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर नोटिस चेक कर सकते हैं। 2025-26 सत्र के लिए कक्षा 10 और 12 की प्रैक्टिकल परीक्षा, प्रोजेक्ट और इंटरनल असेसमेंट 6 नवंबर से 6 दिसंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी।
विंटर बाउंड स्कूलों के लिए CBSE की जरूरी गाइडलाइन
फाइनल लिस्ट तैयार करना: प्रत्येक स्कूल को अपने छात्रों की फाइनल लिस्ट तैयार करनी होगी। ऐसे छात्र जिनका नाम ऑनलाइन LOC में सबमिट नहीं हुआ है, उन्हें प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट, IA परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी।
कक्षा 10 इंटरनल असेसमेंट: आईए केवल एक बार आयोजित की जाएगी। इसलिए सभी स्कूलों को निर्दिष्ट समय में सभी छात्रों के IA मार्क्स भरने होंगे।
मार्क्स अपलोडिंग: प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान ही मार्क्स बोर्ड पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। प्रैक्टिकल खत्म होने तक सभी अंक अपलोड कर देना जरूरी है। अपलोडिंग के समय स्कूल प्रिंसिपल, इंटरनल एग्जामिनर और एक्सटर्नल एग्जामिनर सुनिश्चित करेंगे कि सही अंक अपलोड किए गए हैं, क्योंकि अपलोड के बाद किसी भी प्रकार का सुधार नहीं किया जा सकेगा।
सामान्य छात्रों के Internal Assessment: रेगुलर छात्रों का IA स्कूलों द्वारा ही संबंधित विषय के सिलेबस के अनुसार आयोजित किया जाएगा। IA केवल एक बार होगी और वही अंक उन छात्रों पर लागू होंगे, जो दूसरी बार बोर्ड परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं।
उम्मीदवारों और स्कूलों के लिए यह जरूरी है कि सभी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए, ताकि प्रैक्टिकल परीक्षा सुचारू रूप से संपन्न हो।
अधिक जानकारी और पूरी गाइडलाइन के लिए उम्मीदवार CBSE की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।
विंटर बाउंड स्कूल वो स्कूल होते हैं जो ठंडी या पहाड़ी इलाकों में स्थित हैं। इन स्कूलों में सर्दियों के कारण स्कूल का एकेडमिक सेशन बाकी स्कूलों से अलग शुरू और खत्म होता है। इसलिए CBSE उनके लिए प्रैक्टिकल परीक्षा, प्रोजेक्ट और इंटरनल असेसमेंट की विशेष तारीखें और गाइडलाइन तय करता है। जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड या सिक्किम के कुछ स्कूल इस कैटेगरी में आते हैं।