दिल्ली विश्वविद्यालय की पहल.. स्टार्टअप के जरिए छात्रों को बेहतर तकनीक और कौशल से जोड़ने की तैयारी

इस काम के लिए विश्वविद्यालय या बाहर का कोई भी उम्मीदवार बेहतर इनोवेशन आइडियाज के साथ आवेदन कर सकता है। इसके तहत विश्वविद्यालय चार स्टार्टअप को लेने और उन्हें मदद प्रदान करने की योजना बना रहा है। 

एजुकेशन डेस्क। दिल्ली विश्वविद्यालय के क्लस्टर इनोवेशन सेंटर यानी सीआईसी (CIC) ने वाणिज्यिक व्यवहार्यता यानी कमर्शियल वायबिलिटी वाले स्टार्टअप इनोवेशन और आइडियाज से जुड़े लोगों से आवेदन आमंत्रित किया है। इसका उद्देश्य है कि इसके जरिए छात्रों को काम के निष्पादन यानी एक्जीक्यूशन के तौर-तरीकों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा सकें। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 13 मार्च तक जारी रहेगी।

सीआईसी की डायरेक्टर शोभा बगाई के अनुसार, इस काम के लिए विश्वविद्यालय से या फिर विश्वविद्यालय के बाहर का कोई भी योग्य एवं इच्छुक उम्मीदवार बेहतर इनोवेशन आइडियाज के साथ आवेदन कर सकता है। इस कवायद के तहत विश्वविद्यालय चार स्टार्टअप को लेने और उन्हें मदद प्रदान करने की योजना बना रहा है। बागई के मुताबिक, इसके लिए किसी तरह की छात्रवृत्ति या अन्य कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हम ऐसे युवाओं की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसे स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं, जिनसे कुछ उम्दा विचार सामने आएं। छात्रों को इन पर काम करने की जरूरत है और इसके लिए उन्हें बेहतर इनोवेटर की जरूरत पड़गी।

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यूनिवर्सिटी फैकल्टी के अलावा बाहर के लोग भी होंगे शामिल

शोभा के अनुसार, सीआईसी इस पहल को औपचारिक रूप देना चाहती थी और इसलिए उसने इस पेशकश से जुड़ा एक विज्ञापन जारी किया है। इसमें टीचर यूनिवर्सिटी फैकल्टी के अलावा बाहर के लोग भी होंगे। बागई ने कहा कि इस पहल के तहत यूनिवर्सिटी तीन-तीन महीने के लिए को-वर्किंग स्पेस और मेंटरिंग सपोर्ट की पेशकश भी करेगी। प्रमोटरों के पास अपने आइडियाज को प्राडक्ट में बदलने के लिए प्रोटो टाइपिंग के तहत बेहतर तकनीकी कौशल यानी टेक्निकल स्किल होना चाहिए।

कोविड की वजह से बीच में रूक गई थी प्रक्रिया

बागई ने बताया कि ऐसे कुछ पैरामीटर हैं जिन पर सीआईसी फैकल्टी के नेतृत्व वाली एक कमेटी की ओर से आवेदन पर विचार किया जाएगा। उम्मीदवारों को उस फॉर्म में सभी जरूरी डिटेल देने होंगे। बता दें कि क्लस्टर इनोवेशन सेंटर यानी सीआईसी के जरिए औद्योगिक समूहों (इंडस्ट्रीयल ग्रुप), विलेज ग्रुप, स्लम ग्रुप और एकेडेमिक ग्रुप क्षेत्र से इनोवेशन की खोज की जाती है। शोभा ने कहा, कोविड के दौरान ये चीजें रुक गई थीं। अब हम इसे फिर शुरू कर रहे हैं और इस बार स्टार्टअप्स पर फोकस कर रहे हैं।

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