सार

किसी ने यह साबित किया कि असफलता के बिना सफलता संभव नहीं, तो किसी ने यह कर दिखाया कि सफलता की राह असफलता में से ही निकलती है। ऐसे में इन्होंने कभी निराशा या हताशा को हावी नहीं होने दिया।  

करियर डेस्क। हर कोई चाहता है कि वह अपने जीवन में सफल हो। फिर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह बच्चा है या बुजुर्ग.. युवा है, पुरूष है या फिर महिला। सभी स्टेप्स और फेज यानी चरण में हम सबकी यह दिली इच्छा होती है कि सफल रहे और इसी दिशा में लगातार आगे बढ़ते रहें। चाहे कोचिंग हो, स्कूल हो, ऑफिस हो, या खेलकूद का मैदान। हर जगह एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा और आगे निकलने की होड़ देखी जा सकती है। 

हां, यह बात अलग है कि सफल होने के लिए किए गए काम के प्रति हमने जो प्रयास किए, वह तुलना में शायद उतने नहीं होते, जितनी कि हम उससे सफलता की उम्मीद कर रहे थे। यानी प्रयास कम करते हैं और उम्मीद ज्यादा की करते हैं और चाहते हैं कि सफलता बहुत जल्द हमारी किस्मत का दरवाजा खटखटा दे। कई बार ऐसा नहीं होने पर लोग निराश भी होते हैं और अवसाद में चले जाते हैं। ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि वहां नियमित तौर पर यानी रेगुलर और समर्पित तौर पर यानी फुल डेडिकेशन के साथ प्रयास नहीं करते और करते हैं तो थोड़ी सी असफलता मिलने पर निराश हो गए और इसे ही नियति मानकर पीछे हट गए। मगर कुछ ऐसे भी हैं, जो असफलताओं को भूलकर, उनसे सीखकर आगे बढ़े। 

हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें बेइंतहा सफल शख्सियत ने अपने जीवन में संघर्ष और बुरी असफलताओं का सामना किया। मगर वे सफलता के लिए तय रास्ते पर ही चलते रहे और आखिरकार सफल होकर ही दम लिया। चाहे बात जाति की रही हो या धर्म की.. रंग की या फिर कुछ और, मगर सफलता की राह में कभी वे अटके या भटके नहीं। आज ऐसी ही 5 इन शख्सियतों की रियल स्टोरी के जरिए अपनी असफलता और निराशा को भी दूर करिए। 

स्टीव जॉब्स को एप्पल जैसी टेक फील्ड की सबसे बड़ी और सफल कंपनी स्थापित करने के लिए जाना जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि इस कंपनी को केवल दो लोगों ने एक गैराज में शुरू किया था। सिर्फ यही नहीं, बाद में इन्हें इनकी ही कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि, वे निराश और हताश नहीं हुए बल्कि, अपनी क्षमताओं के बूते नया चैप्टर शुरू किया और अंत में 4000 से अधिक कर्मचारियों तथा 2 बिलियन डॉलर से भी अधिक की एप्पल कंपनी को असली मुकाम पर पहुंचाया। 

बिल गेट्स के आज सफल जीवन में असफलताओं की लिस्ट बेहद लंबी हैं और उनसे हम सभी को सीख लेने की भी जरूरत है। बिल ने माइक्रोसॉफ्ट जैसी सबसे उम्दा सॉफ्टवेयर कंपनी स्थापित की, मगर ये खुद हार्वर्ड के ड्रॉपआउट स्टूडेंट रहे हैं। यही नहीं, इनका एक व्यवसाय और था, जिसे ट्राफ-ओ-डेटा के तौर पर लोग जानते थे। मगर यह भी भयानक रूप से असफल हुआ था। बिल की न पढ़ाई पूरी हो पाई और न ही बिजनेस चला। पूरा इन्वेस्टमेंट भी खत्म हो गया। मगर हार नहीं मानी और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिए माइक्रोसॉफ्ट जैसा ब्रांड खड़ा किया। 

अल्बर्ट आइंस्टीन के नाम और काम से शायद हर कोई वाकिफ होगा। मशहूर वैज्ञानिक असाधारण प्रतिभा के तौर पर उनकी पहचान है। उन्होंने अपने काम से इस सिद्धांत को प्रतिपादित किया कि असफलता में ही सफलता छिपी हुई है। जो कभी असफल नहीं हुआ, वो दरअसल सफल नहीं हो सकता। बचपन में उन्हें लगातार असफलताओं से रूबरू होना पड़ा। करीब 9 साल की उम्र तक तो वे ठीक से बोल भी नहीं पाते थे। इसी वजह से स्कूल से निकाल दिया गया। ज्यूरिख में पॉलिटेक्निक स्कूल में एडमिशन नहीं दिया गया। मगर वे प्रयास करते रहे और खुद को विज्ञान और प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में अनमोल रत्न के तौर पर साबित किया। 1921 में उन्हें फिजिक्स में उम्दा काम के लिए नोबल पुरस्कार भी मिला। 

अब्राहम लिंकन बार-बार बड़ी-बड़ी असफलताओं से रूबरू होते रहे, मगर एक दिन अमरीका के राष्ट्रपति बने। 1831 में बिजनेस में फेल हुए। 1836 में अवसाद में चले गए। कई साल संघर्ष करते रहे। 20 साल बाद 1856 में अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बने, मगर हार गए। फिर 1861 में एक बार और कोशिश की तथा सफल हुए। ऐसे अपनी असफलता को उन्होंने सफलता में बदला। 

जेके राउलिंग मशहूर लेखिका हैं। सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब, जिस पर कई सीरीज में हैरी पॉटर नाम से सुपर-डुपर फिल्म भी बनीं, उन्होंने ही लिखी है। वे लंबे समय तक बेरोजगार रहीं। बिजनेस शुरू किया, मगर असफल रहीं। शादी की.. वो भी नहीं चली। इसके बाद लिखना-पढ़ना शुरू किया। लगातार कोशिश के बाद ऐसी-ऐसी किताबें लिख दी जिसकी चर्चा आज भी हर तरफ है और इसी ने उन्हें टॉप पर पहुंचा दिया। 

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