UPPSC क्रैक करने के बाद DSP या डिप्टी कलेक्टर क्या बनना चाहेंगे आप? दोनों के हैं अलग पावर और जिम्मेदारियां

डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी दोनों ही यूपीपीएससी में सफलता पाने के बाद मिलने वाले सम्मानित पद हैं। दोनों ही पदों की अलग-अलग जिम्मेदारियां और अधिकार होते हैं। जानें क्या हैं ये…

करिअर डेस्क। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने पीसीएस एग्जाम का रिजल्ट जारी कर दिया है। यूपीपीएससी एग्जाम क्रैक करना अपने आप में बड़ी बात है। इस भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थी ही डीएसपी और डिप्टी कलेक्टर जैसे पदों पर तैनात किेए जाते हैं। देश के सभी राज्यों में इन पदों पर भर्ती के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के जरिए भर्ती की जाती है।

इस सम्मानित पद पर नौकरी करने के लिए लाखों की संख्या में हर साल राज्यों में लोग इम्तिहान देते हैं लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं। डीएसपी और डिप्टी कलेक्टर दोनों एक समान रैंक के पद होते हैं लेकिन इनकी जिम्मेदारी और पावर अलग होते हैं। 

Latest Videos

पढ़ें किराना दुकानदार का बेटा UPPSC PCS 2023 टॉपर, सिद्धार्थ गुप्ता की कहानी

डीएसपी और डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए एक ही परीक्षा पास करने के बाद दोनों ही पदों की अलग-अलग सीमाएं और शक्तियां हैं। आइए दोनों पदों के महत्व और उनकी शक्तियों के बारे में समझते हैं…

डीएसपी के पावर और रिस्पॉन्सिबिलिटी
डीएसपी पुलिस विभाग का सम्मानित पद होता है। जिले में लॉ एंट ऑर्डर मेनटेन करने के लिए डीएसपी रैंक के अधिकारी की तैनाती की जाती है। डीएसपी को लॉ एनफोर्समेंट एक्टिविटी को नियंत्रित करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को कंट्रोल करने के लिए कई अधिकार दिए जाते हैं। जिले में क्राइम कंट्रोल, अपराधिक मामलों की जांच और शांति व्यवस्था बनाए रखने और पब्लिक सेफ्टी की जिम्मेदारी भी डीएसपी की होती है। डीएसपी को किसी को गिरफ्तार करने, जांच करने और सिक्योरिटी से संबंधित कानून लागू करने का अधिकार होता है।

डिप्टी कलेक्टर की जिम्मेदारी
डिप्टी कलेक्टर एक प्रशासनिक पद होता है। जिले में विकास कार्यों और प्रशासनिक कार्यों को मेनटेन रखने की दिशा में वह जिला कलेक्टर के सहयोगी के रूप में काम करता है। डिप्टी कलेक्टर पर राजस्व प्रशासन, भूमि रिकॉर्ड से रिलेटड अन्य मामलों की देखरेख की जिम्मेदारी होती है। डिप्टी कलेक्टरों को रेवेन्यू कोर्ट, पेंडिंग्स और टैक्स कलेक्शन और रिलीफ और रीहैबिलिटेशन वर्क का अधिकार होता है। तमाम लीगल सर्टिफिकेट जैसे राष्ट्रीयता, निवास आदि प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार भी डिप्टी कलेक्टर के पास होता है।  

दोनों अफसरों के कार्य अलग
डीएसपी और डिप्टी कलेक्टर के काम और जिम्मेदारियों के साथ ही उनके अधिकार भी अलग-अलग हैं। दोनों एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करता है। डिप्टी कलेक्टर को जिले के विकास और अन्य व्यवस्थाएं देखनी होती है तो डीएसपी को क्राइम कंट्रोल और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में काम करना होता है।

Share this article
click me!

Latest Videos

काहिरा प्लान... आखिर क्या करने रहे हैं पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत ये 8 मुस्लिम देश?
LIVE 🔴: Day 3 | उत्तर प्रदेश विधान सभा शीतकालीन सत्र 2024 |
Amit Shah ने आंबेडकर पर दिया बयान और मच गया बवाल #Shorts
LIVE 🔴: Ambedkar पर Amit Shah के विवादित ब्यान पर AAP का BJP HQ पर धरना प्रदर्शन | Arvind Kejriwal
गडकरी, सिंधिया और कई दिग्गजों को नोटिस देने की तैयारी में BJP! गंभीर है मामला