
Highest Paid Foreign Language in India: आज के समय में करियर और पैकेज की बात आती है, तो सिर्फ इंजीनियरिंग या मैनेजमेंट ही नहीं, बल्कि विदेशी भाषा सीखना भी आपके लिए करोड़ों के दरवाजे खोल सकता है। पहले जहां लोग भाषाएं सिर्फ शौक के तौर पर सीखते थे, वहीं अब यह करियर ग्रोथ और शानदार सैलरी दोनों का जरिया बन गई हैं। ग्लोबलाइजेशन की वजह से दुनिया आपस में जुड़ गई है। बिजनेस, टेक्नोलॉजी और ट्रेड में विदेशी भाषाओं की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप एक फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट बन जाते हैं, तो आपके पास न सिर्फ जॉब ऑप्शन होंगे बल्कि पैकेज भी लाखों में मिलेगा।
हाल ही में जॉब सर्च इंजन Adzuna ने 2.5 लाख से ज्यादा जॉब पोस्टिंग का एनालिसिस किया। इसमें यह देखा गया कि कौन-सी विदेशी भाषा सीखने वालों को सबसे ज्यादा सैलरी मिल रही है। रिपोर्ट में 10 भाषाओं को शामिल किया गया और नतीजे चौंकाने वाले रहे।
चीनी या मैंडरिन (Chinese, Mandarin): विदेशी भाषा में सबसे ज्यादा पैकेज चीनी या मैंडरिन जानने वालों को मिलता है। भारत में इसका औसत सालाना पैकेज करीब 11.89 लाख रुपए है, जो कि नेशनल एवरेज से दोगुना है। वहीं इंटरनेशनल लेवल पर, अगर कोई फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग में है और चीनी भाषा जानता है तो उसकी एवरेज इनकम US $127,251 यानी लगभग 1 करोड़ से ज्यादा सालाना तक पहुंच सकती है।
फ्रेंच (French): फ्रेंच दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में शामिल है। फ्रेंच एक्सपर्ट्स की ऐवरेज सैलरी भारत में 9.83 लाख रुपए सालाना है। इंटरनेशनल कंपनियों, टूरिज्म और एम्बेसीज में इसकी भारी डिमांड है।
स्पैनिश (Spanish): स्पैनिश को दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा माना जाता है। इसका एवरेज पैकेज करीब 9.80 लाख रुपए सालाना है। लैटिन अमेरिका और यूरोप से जुड़े बिजनेस के लिए यह भाषा बहुत काम आती है।
जर्मन (German): टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर में जर्मन भाषा एक्सपर्ट्स की खास डिमांड रहती है। एवरेज पैकेज यहां भी करीब 9.51 लाख रुपए सालाना है।
अरबी (Arabic): मिडिल ईस्ट की इकॉनमी और बिजनेस में अरबी भाषा का बहुत महत्व है। स्टार्टअप्स और कंपनियों को ऐसे ट्रांसलेटर्स चाहिए होते हैं, जो अरबी से इंग्लिश में आसानी से कन्वर्ट कर सकें। Adzuna रिपोर्ट के मुताबिक अरबी दुनिया की 6th हाईएस्ट पेड लैंग्वेज है।
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मल्टीनेशनल कंपनियों का विस्तार लगातार हो रहा है। बिजनेस पार्टनरशिप और इंटरनेशनल डील्स के लिए ट्रांसलेटर्स और इंटरप्रिटर्स की जरूरत बढ़ रही है। डिजिटल दुनिया में कंटेंट ट्रांसलेशन और लोकलाइजेशन सर्विसेज की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में लगातार फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की डिमांड बनी रहती है।
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