Friendship Day 2025: IAS-IPS फ्रेंड्स, जिनकी दोस्ती बनी UPSC सफलता की चाबी

Published : Aug 02, 2025, 08:03 PM ISTUpdated : Aug 02, 2025, 08:05 PM IST
Friendship Day Story

सार

Friendship Day 2025: फ्रेंडशिप डे 2025 पर पढ़िए ऐसे IAS-IPS दोस्तों की कहानी, जिनकी दोस्ती ही यूपीएससी सफलता की चाबी बनी। इन्होंने एक साथ UPSC की तैयारी की। पढ़ाई में एक-दूसरे को सपोर्ट करते हुए यूपीएससी क्रैक की और अफसर बने। दोस्ती की शानदार कहानी।

Friendship Day 2025 Inspiring Story: दोस्ती सिर्फ साथ वक्त बिताने का नाम नहीं होती, बल्कि साथ सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला भी देती है। फ्रेंडशिप डे 2025 के खास मौके पर मिलिए तीन ऐसे दोस्तों से, जिन्होंने न सिर्फ एक-दूसरे का साथ दिया, बल्कि एक-दूसरे को मोटिवेट करते हुए देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC को भी एक साथ पार किया। ये कहानी है IPS साद मियां खान, IAS विशाल मिश्रा और IAS गौरव विजयराम की। तीनों की यह जर्नी सिर्फ मेहनत की नहीं, बल्कि गहरी दोस्ती, आपसी समझ और मजबूत इरादों की मिसाल है। जानिए कैसे तीन अलग-अलग जगहों से आए ये दोस्त एक-दूसरे की ताकत बने और 2017 में UPSC की परीक्षा पास कर तीनों एक साथ अफसर बन गए।

इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई दोस्ती की शुरुआत

साद मियां खान उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले हैं। बीटेक करने के लिए उन्होंने HBTU कानपुर में एडमिशन लिया, जहां उनकी मुलाकात विशाल मिश्रा से हुई। दोनों ने साथ में बीटेक किया और फिर IIT कानपुर से M.Tech की डिग्री हासिल करने के लिए साथ में एडमिशन लिया। इसी दौरान साद मियां ने UPSC की तैयारी शुरू कर दी।

UPSC की तैयारी के दौरान दिल्ली में मिला तीसरा दोस्त

M.Tech के बाद UPSC की तैयारी के लिए साद मियां खान और विशाल मिश्रा दोनों दिल्ली शिफ्ट हो गए। यहीं इनकी मुलाकात हुई गौरव विजयराम से। तीनों के विचार मिले और जल्द तीनों गहरे दोस्त बन गए। अब तीनों का एक ही सपना था सिविल सर्विस में जाना।

IPS साद मियां खान की संघर्ष भरी UPSC जर्नी

साद मियां ने 2013 में पहली बार UPSC का एग्जाम दिया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। लगातार मेहनत जारी रही और 2017 में पांचवें प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 25वीं रैंक हासिल की। साद ने जानबूझकर IAS की बजाय IPS चुना, क्योंकि उन्हें कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में काम करना था।

गौरव विजयराम ने चौथे प्रयास में क्रैक की UPSC, बने IAS

गौरव विजयराम के लिए भी UPSC की राह आसान नहीं रही। उनके पहले दो प्रयास असफल रहे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि शुरू में उन्होंने ठीक से तैयारी नहीं की थी। लेकिन चौथे प्रयास में 34वीं रैंक लाकर उन्होंने सभी को चौंका दिया।

विशाल मिश्रा को UPSC में मिली 49वीं रैंक, IAS के लिए हुआ सेलेक्शन

विशाल मिश्रा, जो उत्तराखंड से हैं, ने IIT कानपुर से M.Tech के बाद UPSC की तैयारी शुरू की। लगातार मेहनत और स्मार्ट स्ट्रैटेजी की बदौलत उन्होंने 2017 में 49वीं रैंक के साथ UPSC क्लियर किया और IAS अफसर बने।

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दोस्ती बनी UPSC सफलता की चाबी

इस कहानी की सबसे खूबसूरत बात यह है कि ये तीनों दोस्त एक-दूसरे के मोटिवेशन बनें। उन्होंने एक-दूसरे को गिरने नहीं दिया, हर बार संभाला और आगे बढ़ने में मदद की। UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पार करने के पीछे इनकी गहरी दोस्ती और एक-दूसरे के लिए विश्वास ही सबसे बड़ा कारण बना। फ्रेंडशिप डे 2025 पर ये कहानी हमें सिखाती है कि अगर साथ में चलने वाले दोस्त सच्चे हों, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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