
How to Prepare for JEE with Boards: क्लास 11 और 12 के ज्यादातर छात्रों की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि बोर्ड की तैयारी और जेईई मेन दोनों को एक साथ कैसे मैनेज किया जाए। अक्सर स्टूडेंट्स को लगता है कि अगर वे JEE पर ज्यादा फोकस करेंगे तो बोर्ड कमजोर हो जाएगा और बोर्ड पर फोकस करेंगे तो JEE पीछे छूट जाएगा। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि JEE Main का करीब पूरा 99-100% सिलेबस वही होता है जो स्कूल में पढ़ाया जाता है। यानी समझदारी से पढ़ाई की जाए तो एक ही तैयारी दोनों एग्जाम में काम आ सकती है। रांची के कोचिंग एक्सपर्ट शैलेश श्रीवास्तव का कहना है कि फर्क सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि प्रश्न पूछने के तरीके का होता है। बोर्ड में स्टेप-बाय-स्टेप और डिटेल्ड जवाब चाहिए, जबकि JEE में स्पीड, एक्यूरेसी और कॉन्सेप्ट की एप्लिकेशन सबसे जरूरी है। सही प्लानिंग हो तो दोनों एग्जाम में एक साथ बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है। आगे पढ़ें एक्सपर्ट के बताए प्रिपरेशन टिप्स जो आपको जेईई और बोर्ड एग्जाम दोनों की साथ तैयारी करने और सफलता हासिल करने में मदद कर सकते हैं।
स्टूडेंट्स का कॉन्फिडेंस तभी बढ़ता है जब वे सिलेबस को सही तरीके से समझें। सच यह है कि JEE Main में जितने भी टॉपिक्स आते हैं, लगभग सभी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के वही चैप्टर हैं, जो बोर्ड में पढ़ाए जाते हैं। हां, JEE के सवाल ज्यादा लॉजिकल और एप्लिकेशन-बेस्ड होते हैं, जबकि बोर्ड में थेओरी और प्रेजेंटेशन मायने रखता है। लेकिन अगर स्टूडेंट NCERT को गहराई से पढ़ लें, कॉन्सेप्ट साफ कर लें और रेगुलर प्रैक्टिस करें, तो दोनों परीक्षाएं खुद-ब-खुद आसान हो जाती हैं। जो छात्र दोनों के लिए अलग-अलग पढ़ाई करते हैं, वे अक्सर कन्फ्यूज हो जाते हैं।
दोनों एग्जाम को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका है समझदारी से बना हुआ टाइमटेबल। सबसे पहले तय करें कि कौन-से चैप्टर बोर्ड और JEE दोनों में कॉमन हैं। इसके बाद ऐसा टाइमटेबल बनाएं जिसमें शामिल हो-
बोर्ड और JEE दोनों की तैयारी का आधार है NCERT। अगर स्टूडेंट NCERT लाइन-टू-लाइन पढ़ लेते हैं और उसमें दिए सवालों को हल करते हैं, तो कॉन्सेप्ट बेहद मजबूत हो जाते हैं। इसके साथ यह भी करें-
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JEE की तैयारी इस बात पर भी निर्भर करती है कि स्टूडेंट अपने समय और संसाधनों का कितना सही उपयोग करते हैं। लंबा रोजाना सफर करने वाले स्टूडेंट्स की 2-3 घंटे की पढ़ाई वहीं खत्म हो जाती है। इसी वजह से कई स्टूडेंट आजकल ऑनलाइन पढ़ाई को प्राथमिकता देते हैं, ताकि ज्यादा समय पढ़ाई में लगाया जा सके। सबसे अच्छी बात, क्वालिटी फ्री कंटेंट आज हर स्टूडेंट के लिए उपलब्ध है, इसलिए महंगी कोचिंग ही सफलता की गारंटी नहीं है। डिसिप्लिन और सही रिसोर्सेज सफलता दिलाते हैं।
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JEE की तैयारी करते-करते स्टूडेंट्स अक्सर इंग्लिश, कंप्यूटर, इकोनॉमिक्स या फिजिकल एजुकेशन जैसे बोर्ड सब्जेक्ट भूल जाते हैं। ये सब्जेक्ट काफी स्कोरिंग होते हैं और आपकी ओवरऑल परसेंटेज को काफी बढ़ा सकते हैं। अगर पूरे साल इन्हें नजरअंदाज किया जाए तो बोर्ड के वक्त तनाव बढ़ जाता है। इसलिए बेहतर है कि क्लास में ध्यान से पढ़ें, हर हफ्ते हल्की रिवीजन करें, बेसिक नोट्स बनाते रहें। इससे बोर्ड के महीनों में पढ़ाई बहुत आसान लगेगी।
बोर्ड और JEE दोनों को अलग-अलग चुनौतियों की तरह मत देखें। कॉन्सेप्ट अच्छे से समझकर, टाइम से रिवीजन करके और लगातार प्रैक्टिस करके, दोनों एग्जाम में साथ-साथ सफलता पाई जा सकती है। असल में बोर्ड की तैयारी आपके JEE को मजबूत करती है और JEE की प्रैक्टिस आपके बोर्ड कॉन्सेप्ट को तेज बनाती है। सही प्लान, सही सोच और रेगुलर मेहनत के साथ स्टूडेंट बिना तनाव दोनों एग्जाम में शानदार परफॉर्म कर सकते हैं।