चंद्रमा की सतह पर हमारे चंद्रयान-3 के उतरने का रोमांच अब तमाम नौनिहालों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर रहा।
Chandrayaan-3 successful landing: चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग कर भारत ने एक नया इतिहास रच दिया है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर किसी स्पेसक्रॉफ्ट को उतारने वाला भारत पहला देश बना है। जबकि मून मिशन में सफलता हासिल करने वाला चौथा देश बन चुका है। इस गौरवशाली पल पर पूरा देश हर्ष और उत्साह में है तो वैश्विक जगत बधाइयां दे रहा। भारत की इस वैज्ञानिक सफलता के बाद स्कूल-कॉलेजों में स्टूडेंट्स की स्पेस साइंस और वैज्ञानिक खोजों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। चंद्रमा की सतह पर हमारे चंद्रयान-3 के उतरने का रोमांच अब तमाम नौनिहालों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर रहा। देश के हजारों स्टूडेंट्स के लिए बुधवार का ऐतिहासिक पल करियर के लिए इंस्पीरेशनल साबित होने जा रहा है। आइए जानते हैं कि इस क्षेत्र में करियर बनानी है तो क्या करें प्रारंभिक स्तर पर...
हाईस्कूल के बाद पीसीएम चुने
स्पेस साइंस में करियर बनाने के लिए आपको हाईस्कूल से ही प्लानिंग करनी होगी। इस क्षेत्र में जाने के लिए आपको इंटरमीडिएट में पीसीएम चुनना होगा। यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स विषयों का कंबीनेशन आवश्यक है। इस कंबिनेशन को चुनने के बाद आप पारंपरिक बीएससी कर सकते हैं या इंजीनियरिंग क्षेत्र को भी चुन सकते हैं।
बीटेक या बीएससी के बाद आप क्या करें?
यदि आप बीटेक या बीएससी करना चाहते हैं तो इन पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं में शामिल हों। जो लोग बीटेक करना चाहते हैं उन्हें जेईई मेन या जेईई एडवांस लेना चाहिए। जेईई मेन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान और विभिन्न अन्य कॉलेजों जैसे कॉलेजों के लिए आयोजित किया जाता है। जेईई एडवांस्ड का आयोजन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रवेश के लिए किया जाता है। जो लोग बीएससी करना चाहते हैं, वे सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अन्य भाग लेने वाले संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) में शामिल हो सकते हैं।
इंडियन स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट सबसे बेहतर ऑप्शन
स्पेस साइंस में डिग्री लेने के लिए आपको इंडियन स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट से बीटेक के लिए ट्राई करनी चाहिए। यह कॉलेज एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (एवियोनिक्स) में बीटेक प्रदान करता है। यह 5-वर्षीय दोहरी डिग्री (बी.टेक. + मास्टर ऑफ साइंस/मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी) भी प्रदान करता है।
इसरो कैसे ज्वाइन करें?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कभी-कभी कैंपस प्लेसमेंट में सीधे कॉलेजों से लोगों को नियुक्त करता है। इसरो स्पेस साइंटिस्ट के अलावा कई अन्य पदों के लिए वैकेंसी निकालता है। यह सेंट्रलाइज्ड रिक्रूटमेंट एक्जाम कराता है। कैंडिडेट्स को इन एक्जाम्स के प्रति अवेयर रहना होगा। जॉब से संबंधित अपडेट के लिए नियमित रूप से इसरो की वेबसाइट पर जाना चाहिए।
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