आप जानते हैं "काले कबूतर उड़ाना" का मतलब? इन 7 मुहावरों के मीनिंग हैं जबरदस्त

Idioms and Meanings: प्रतियोगिता परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाने वाले मुहावरों और उनके अर्थ जानें। ये मुहावरे न केवल आपकी भाषा को समृद्ध करेंगे, बल्कि परीक्षा में भी मददगार साबित होंगे।

Anita Tanvi | Published : Oct 23, 2024 10:54 AM IST / Updated: Oct 24 2024, 05:04 PM IST

Idioms and Meanings: मुहावरे हमारे भाषा और संवाद का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। ये न केवल हमारी बातचीत को रंगीन और रोचक बनाते हैं, बल्कि इनमें गहरे अर्थ भी छिपे होते हैं। प्रतियोगिता परीक्षाओं में अक्सर मुहावरों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, क्योंकि ये बताते हैं कि उम्मीदवार को भाषा की समझ और अभिव्यक्ति में कितनी दक्षता है। जानिए ऐसे ही मुहावरों और उनके अर्थ को जो अक्सर प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। ये मुहावरे सुनने में भी बहुत मजेदार हैं।

मुहावरा- "काले कबूतर उड़ाना"

मुहावरे का अर्थ: असत्य या भ्रम फैलाना। यह मुहावरा उन स्थितियों के लिए प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति झूठी बातें फैलाता है या भ्रम उत्पन्न करने की कोशिश करता है। जैसे, कोई झूठी अफवाहें फैला कर लोगों को गुमराह कर रहा हो, तो इस मुहावरे से उसकी स्थिति को समझा जा सकता है।

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मुहावरा- "ना नौ मन तेल होगा, ना राधा नाचेगी"

मुहावरे का अर्थ: जब स्थिति असंभव हो, तो उसके परिणाम की बात करना बेकार है। यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब कोई स्थिति इतनी असंभव हो कि उसके परिणाम के बारे में सोचना व्यर्थ हो। जैसे, अगर किसी योजना के लिए जरूरी साधन उपलब्ध न हों, तो उस योजना की सफलता की चर्चा बेकार है।

मुहावरा- "अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत"

मुहावरे का अर्थ: समय निकल जाने के बाद पछताना बेकार है। यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब किसी ने सही समय पर कोई कार्य न किया हो और अब उसकी गलती के लिए पछतावा करना व्यर्थ हो। जैसे, अगर कोई व्यक्ति परीक्षा के लिए ठीक से तैयारी न करे और फेल हो जाए, तो यह मुहावरा लागू होता है।

मुहावरा- "नानी याद आना"

मुहावरे का अर्थ: अत्यधिक परेशानी में पड़ना। जब किसी व्यक्ति को इतनी ज्यादा कठिनाई या तकलीफ हो कि उसे पुरानी यादें और अनुभव भी याद आने लगे, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है। जैसे, कोई परीक्षा इतनी कठिन हो कि छात्रों को नानी याद आ जाए।

मुहावरा- "खोदा पहाड़ निकली चुहिया"

मुहावरे का अर्थ: बहुत बड़े प्रयास के बाद मामूली परिणाम मिलना। जब किसी बड़े काम के लिए बहुत मेहनत की जाए, लेकिन उसका परिणाम बहुत छोटा या तुच्छ निकले, तो यह मुहावरा प्रयोग किया जाता है। जैसे, किसी बड़ी परियोजना से बड़ी सफलता की उम्मीद थी, लेकिन अंत में कुछ खास हासिल नहीं हुआ।

मुहावरा- "अंधेर नगरी चौपट राजा"

मुहावरे का अर्थ: जहां कानून और व्यवस्था का कोई मोल नहीं है। जब किसी स्थान पर अत्यधिक अराजकता या अव्यवस्था हो और वहां के शासक या नेता अपने कर्तव्यों में असफल हों, तब इस मुहावरे का उपयोग होता है। जैसे, जब सरकार का नियंत्रण कमजोर होता है और लोग बेखौफ होकर गलत काम करते हैं, तो यह मुहावरा सुनने को मिलता है।

मुहावरा- "जगह की तंगाई"

मुहावरे का अर्थ: आवश्यक स्थान या संसाधनों की कमी होना। जब किसी काम या कार्य के लिए आवश्यक जगह या संसाधनों की कमी महसूस होती है, तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। जैसे, किसी परियोजना के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी होने पर कहा जा सकता है कि “हमें जगह की तंगाई का सामना करना पड़ रहा है।”

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