सार

परीक्षाओं में पूछे जाने वाले ७ आम मुहावरों के अर्थ जानिए। जस की तस चदरिया से लेकर आस्तीन के साँप तक, इनके मायने आपको हैरान कर देंगे!

मुहावरे और उनके अर्थ प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं, ताकि परीक्षार्थियों की भाषा पर पकड़ और उनकी सोचने-समझने की क्षमता का आकलन किया जा सके। मुहावरे किसी भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, जो उसकी गहराई और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। इनका सही अर्थ और उनका विस्तार समझने से न केवल आपकी भाषा में सुधार होता है, बल्कि यह आपको परीक्षाओं में बेहतर अंक दिलाने में भी मदद करता है। जानिए कुछ महत्वपूर्ण मुहावरे और उनके अर्थ जो प्रतियोगी परीक्षा के लिए इंपोर्टेंट हैं।

मुहावरा- "जस की तस धर दीनी चदरिया"

मुहावरे का अर्थ: बिना किसी परिवर्तन के वैसा ही वापस करना। जब कोई काम या वस्तु बिना किसी बदलाव या नुकसान के उसी अवस्था में लौटाई जाती है, तब इस मुहावरे का उपयोग होता है। यह जीवन की सच्चाई को दर्शाता है कि जैसा कर्म करते हैं, वैसा ही फल मिलता है।

मुहावरा- "दोनों हाथों से लुटना"

मुहावरे का अर्थ: अत्यधिक लाभ प्राप्त करना। जब कोई व्यक्ति किसी स्थिति में भरपूर फायदा उठाता है या उसे खूब लाभ मिलता है, तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इसका मतलब है कि किसी को बिना प्रयास के बहुत सारी चीजें मिल रही हैं।

मुहावरा- "आस्तीन का सांप"

मुहावरे का अर्थ: छिपा हुआ दुश्मन। इस मुहावरे का प्रयोग उस व्यक्ति के लिए किया जाता है जो बाहर से मित्र या शुभचिंतक दिखता है, लेकिन भीतर ही भीतर शत्रुता पालता है। ऐसे व्यक्ति को "आस्तीन का सांप" कहा जाता है, क्योंकि वह धोखे से नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है।

मुहावरा- "चींटी के पर निकल आए"

मुहावरे का अर्थ: जब कोई कमजोर व्यक्ति थोड़ी सफलता पाकर अहंकारी हो जाता है। जब कोई व्यक्ति जो सामान्यतः कमजोर या साधारण होता है, उसे थोड़ी सी सफलता मिलती है और वह अत्यधिक घमंड करने लगता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। यह दिखाता है कि वह व्यक्ति अपनी सीमा को भूलकर खुद को बहुत बड़ा समझने लगता है।

मुहावरा- "सांप के मुंह में छछूंदर"

मुहावरे का अर्थ: ऐसी स्थिति में फंस जाना जहां कोई विकल्प न बचे। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति किसी ऐसी स्थिति में फंस जाता है जहां वह कोई कदम उठाने में असमर्थ हो और हर विकल्प मुश्किल हो। जैसे, न निगलते बने और न उगलते बने।

मुहावरा- "कच्ची गोली नहीं खेलना"

मुहावरे का अर्थ: चालाक और अनुभवी होना। इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति के अनुभव और चालाकी की प्रशंसा की जाती है। यह बताता है कि वह व्यक्ति धोखे या चालबाजी से नहीं फंस सकता, क्योंकि वह हर चीज में पारंगत है।

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