IIT सैलरी का सच: 33000 रुपये मंथली पर काम करने को मजबूर आईआईटी ग्रेजुएट्स

IIT Salary Trends 2024: आईआईटी ग्रेजुएट्स के लिए सैलरी पैकेज में गिरावट आई है, जिसके कारण कई युवा कम वेतन वाली नौकरियों को स्वीकार करने पर मजबूर हो रहे हैं। जानिए इसके पीछे का कारण

Anita Tanvi | Published : Sep 3, 2024 1:25 PM IST / Updated: Sep 03 2024, 06:58 PM IST

IIT Salary Trends 2024: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) के ग्रेजुएट्स के लिए हाल के समय में सैलरी पैकेज में गिरावट आई है, जिससे कई युवा प्रोफेशनल्स बेहद कम वेतन वाली नौकरियों को भी स्वीकार करने पर मजबूर हो रहे हैं। चलिए जानते हैं इस स्थिति के पीछे के कारण और 2024 के सैलरी ट्रेंड्स की सच्चाई को।

1. सैलरी पैकेज में गिरावट

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एवरेज सैलरी: IIT-बॉम्बे के 2023-24 प्लेसमेंट रिपोर्ट के अनुसार, एवरेज एनुअल पैकेज बढ़कर 23.5 लाख रुपये हो गया है, लेकिन सबसे कम पैकेज 4 लाख रुपये पर आ गया है, जो पिछले साल 6 लाख रुपये था।

सैलरी का अंतर: आईआईटी के नए संस्थानों में भी मीडियम सैलरी 12-14 लाख रुपये के बीच घट गया है, जबकि पुराने IITs में यह 15-16 लाख रुपये तक रह गया है।

2. ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन

आर्थिक मंदी: वैश्विक आर्थिक मंदी और यूक्रेन युद्ध के प्रभाव ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के भर्ती अभियानों को प्रभावित किया है। इससे IITs में कम अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भर्ती कर रही हैं।

इंडस्ट्री की शिफ्ट: सेक्टर जैसे कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) और मैन्युफैक्चरिंग के प्रति झुकाव बढ़ा है, जिससे कुछ ट्रेडिशनल टेक सेक्टर्स में कमी आई है।

3. कंपीटिशन और इन्टर्नशिप का प्रभाव

इन्टर्नशिप का बढ़ता चलन: कंपनियां फुल-टाइम जॉब्स के बजाय इंटर्नशिप ऑफर कर रही हैं, जिससे परमानेंट पोस्ट की संख्या घट गई है।

बढ़ता कंपीटिशन: बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बदलती इंडस्ट्री की मांग ने सैलरी पैकेज को प्रभावित किया है।

4. सीमित अवसर और हाई टैलेंट पूल

रोजगार की कमी: IITs में इस साल कैम्पस ड्राइव में बहुत से छात्र अनप्लेस्ड रहे हैं। 2023 में 21% और 2024 में 38% स्टूडेंट्स अब भी बिना नौकरी के हैं।

टैलेंट पूल: हाल ही में बढ़ती संख्या में ग्रेजुएट और उनकी सीमित नौकरियों की वजह से सैलरी ऑफर कम हो रही हैं।

5. प्राइवेट कंपनियों का प्रभाव

स्थानीय कंपनियां: स्थानीय कंपनियों द्वारा ऑफर की गई नौकरियों में कम वेतन देखने को मिल रहा है। विशेषकर जो कंपनियां 33,000 रुपये प्रति माह के पैकेज दे रही हैं, वे ऑफर स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रही हैं।

6. नौकरी की विविधता

आईटी और इंजीनियरिंग: इंजीनियरिंग और आईटी सेक्टर में कई कंपनियां कम वेतन पर नियुक्तियां कर रही हैं, जबकि कुछ नये उभरते क्षेत्रों में बेहतर अवसर उपलब्ध हैं।

7. हायर एजुकेशन और अन्य विकल्प

पढ़ाई की ओर रुझान: कई छात्र नौकरी की बजाय उच्च शिक्षा जैसे कि एमएस, एम.टेक, पीएचडी, या एमबीए की ओर बढ़ रहे हैं, जो नौकरी के अवसरों को कम कर देता है।

इस प्रकार, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन और कंपनियों के बदलते रुझान IIT ग्रेजुएट्स को कम सैलरी वाली नौकरियों के लिए हां कहने को मजबूर कर रहे हैं। यह चुनौतीपूर्ण स्थिति आईआईटी ग्रेजुएट्स के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित हो रही है, जो अधिक सैलरी और बेहतर अवसरों की तलाश में हैं।

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