
Independence Day Speech: 15 अगस्त को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन दिल्ली के लाल किले से देश के प्रधानमंत्री देश का तिरंगा झंडा लहराते हैं, साथ ही पूरे देश में इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए कई तरह के आयोजन होते हैं। गर्व से भरा आजादी का जश्न स्कूल-कॉलेजों में भी धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। टीचर्स बच्चों को इस दिन का इतिहास और महत्व समझाते हैं। स्टूडेंट्स के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण प्रतियोगिता, 15 अगस्त पर निंबध लेखन जैसी कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। यदि आप भी इस साल यानी स्वतंत्रता दिवस 2025 पर भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं, तो यहां है 5 बेस्ट 15 अगस्त भाषण आइडिया (Independence Day Speech In Hindi) पूरे फॉर्मेट के साथ, जो आपको आसानी से याद भी हो जाएंगे। जोश भरे अंदाज में जब आप यहां बताए अनुसार 15 अगस्त का भाषण देंगे, तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा समारोह स्थल गूंज उठेगा और देशभक्ति को जोश दोगुना बढ़ जाएगा। आगे पढ़ें टीचर्स और स्टूडेंट्स के लिए 5 शानदार स्वतंत्रता दिवस भाषण।
भाषण देने की शुरुआत इन लाइनों से करें- आजादी का त्योहार है आया, गर्व से लहराओ तिरंगा, ये प्यारा
आदरणीय प्राचार्य महोदय, अध्यापकगण और मेरे प्यारे साथियों…"
1947 में हमें अंग्रेजों से आजादी मिली, लेकिन क्या सच में हम पूरी तरह आजाद हैं? भ्रष्टाचार, अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी और भेदभाव, ये सब हमारे देश को पीछे खींच रहे हैं। आजादी का मतलब सिर्फ विदेशी हुकूमत से मुक्ति नहीं है, बल्कि हर इंसान को शिक्षा, समान अवसर और सम्मान मिलना चाहिए। आज हमें ये सोचना होगा कि क्या कोई बच्चा भूखा सोए, तो क्या वो आजादी है? अगर कोई लड़की डर के साए में जी रही है, तो क्या वो आजादी है? अगर किसी युवा को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका न मिले, तो क्या वो आजादी है? सच्ची आजादी तब होगी जब हम अपने अंदर से डर, नफरत और भेदभाव को खत्म कर देंगे। आओ, इस 15 अगस्त पर हम ये प्रण लें कि हम सिर्फ देश की नहीं, बल्कि समाज की बेड़ियों को भी तोड़ेंगे।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
सम्मानित प्राचार्य महोदय, अध्यापकगण और मेरे प्यारे साथियों…"
आज हम सब यहां 15 अगस्त का पर्व मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। जब भी आजादी की बात आती है, हम गांधी जी, नेहरू जी, भगत सिंह जी जैसे महान नायकों को याद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी आजादी की कहानी में कुछ ऐसे योद्धा भी हैं जिनके नाम किताबों के पन्नों में कम, लेकिन देश के इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखे रहेंगे? क्या आपने मातंगिनी हाजरा का नाम सुना है? 73 साल की उम्र में उन्होंने तिरंगा लेकर ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में हिस्सा लिया और गोली लगने के बावजूद तिरंगा हाथ से नहीं छोड़ा। क्या आपने बाघा जतिन के बारे में सुना है? अंग्रेज उन्हें ‘टाइगर ऑफ बंगाल’ कहते थे। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ ऐसा विद्रोह किया कि अंग्रेजी हुकूमत डर गई। और अरुणा आसफ अली, वो महिला जिसने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान आजादी का झंडा फहराया और पूरे देश में क्रांति की लहर फैलाई। दोस्तों, हम इन अनकहे हीरो को भूल न जाएं, क्योंकि आज जो हम आजाद हवा में सांस ले रहे हैं, उसमें उनका खून और पसीना भी मिला है। आओ, वादा करें कि हम इन गुमनाम नायकों की कहानियां अगली पीढ़ी तक पहुंचाएंगे। अंत में ये लाइनें बोलें-
ये आजादी आसान नहीं, ये विरासत बलिदान की,
लाखों वीरों की कुर्बानियों की पहचान की।
जय हिंदी
सभी का अभिनंदन करते हुए…
आज मैं बात करूंगा देश की सबसे बड़ी ताकत की और वो है हम युवा। भारत की 65% आबादी 35 साल से कम उम्र की है। इसका मतलब है कि हमारे पास ऊर्जा है, जोश है और सपनों को सच करने की ताकत है। अगर हम मेहनत, शिक्षा और तकनीक का सही इस्तेमाल करें तो कोई ताकत हमें विश्वगुरु बनने से नहीं रोक सकती। हम चंद्रयान और मंगलयान भेज सकते हैं, डिजिटल इंडिया बना सकते हैं, स्टार्टअप्स खड़े कर सकते हैं और दुनिया को दिखा सकते हैं कि भारत सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक सोच है। लेकिन याद रखो, ताकत के साथ जिम्मेदारी भी आती है। हमें नशे से दूर रहना होगा, सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने की बजाय स्किल्स सीखनी होंगी और अपने देश की भलाई के लिए कदम उठाने होंगे। याद रखो, कल का भारत आज के युवाओं के हाथ में है…और हम ही उसके निर्माता हैं।
जय हिंद
ये भी पढ़ें- Independence Day Speech 2025: स्वतंत्रता दिवस पर दमदार भाषण कैसे दें? यहां हैं 5 बेस्ट 15 अगस्त स्पीच आइडिया
मान्यवर और साथियों…
आज हम आजाद हैं, लेकिन आजादी का मतलब सिर्फ अधिकार पाना नहीं है, इसका मतलब जिम्मेदारी निभाना भी है। हमारे पास वोट देने का अधिकार है, तो जिम्मेदारी भी है कि सही नेता चुनें। हमें आजादी है अपनी राय रखने की, लेकिन जिम्मेदारी भी है कि वो राय देश की एकता को तोड़े नहीं। हम सड़क पर अपनी गाड़ी चला सकते हैं, लेकिन जिम्मेदारी है कि ट्रैफिक नियम मानें। अगर हम जिम्मेदार नागरिक नहीं बनेंगे, तो हमारी आजादी बेकार हो जाएगी। देश को बदलने के लिए हमें कानून से ज्यादा खुद का चरित्र बदलना होगा। अंत में कहें-
आओ मिलकर कसम ये खाएं,
भारत को स्वर्ग से सुंदर बनाएं।
भारत माता की जय
सभी सम्माननीय व्यक्तियों को मेरा प्रणाम…
देशभक्ति सिर्फ युद्ध में बंदूक उठाने का नाम नहीं है। आज देशभक्ति का मतलब है, रोजमर्रा के कामों में ईमानदारी और जिम्मेदारी दिखाना। अगर हम ईमानदारी से टैक्स देते हैं, वोट डालते हैं, पेड़ लगाते हैं, महिला सुरक्षा के लिए खड़े होते हैं और अपने संसाधनों को बर्बाद नहीं करते, तो ये भी देशभक्ति है। आज हमें तिरंगे के सामने सिर्फ नारे नहीं लगाने, बल्कि अपने काम से देश को गौरवान्वित करना है। आओ, हम सिर्फ 15 अगस्त को नहीं, बल्कि साल के 365 दिन देशभक्त बनें।
जय हिंद