इस बार भर्ती रैलियों से पहले ऑनलाइन सीईई आयोजित किया जाएगा। बदली हुई कार्यप्रणाली सेलेक्शन के दौरान ज्ञान के पहलू पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी। इसकी देशभर में व्यापक पहुंच होगी और भर्ती रैलियों के दौरान देखी जाने वाली बड़ी भीड़ को भी कम किया जाएगा।
करियर डेस्क। भारतीय सेना यानी इंडियन आर्मी फरवरी के मध्य में अग्निपथ मॉडल के तहत अग्निवीरों की भर्ती के दूसरे फेज को शुरू करने जा रही है। इस मामले से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, इस दौरान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एक महीने के लिए खुलेंगे। भारतीय सेना ने पिछले साल अग्निवीरों की पहली भर्ती शुरू की थी, जिसके बाद लगभग 19,000 अग्निवीरों ने जनवरी की शुरुआत में विभिन्न रेजिमेंटल सेंटर्स में अपनी ट्रेनिंग शुरू की और अन्य 21,000 आगामी मार्च में ट्रेनिंग के लिए रिपोर्ट करेंगे।
बता दें कि तीन सेवाओं में सैनिकों की अल्पकालिक भर्ती यानी शार्टटर्म रिक्रूटमेंट के लिए अग्निपथ मॉडल सेना की दशकों पुरानी भर्ती प्रणाली यानी रिक्रूटमेंट ड्राइव से अलग है। इसे सरकार की ओर से जून 2022 में नई स्कीम की घोषणा के समय बंद कर दिया गया था। इसके जरिए केवल चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती होगी, जिनमें से 25 प्रतिशत को नियमित सेवा में बनाए रखने के प्रावधान है।
अप्रैल में होगा पहला सीईई यानी कॉमन एंट्रेंस एग्जाम
अधिकारियों ने बताया कि भर्ती के दूसरे चरण में रिक्रूटमेंट प्रॉसेस में कुछ बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि इस बार भर्ती रैलियों से पहले ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जाम (सीईई) आयोजित किया जाएगा। भर्ती के पहले चरण में और यहां तक कि हेरिटेज प्रॉसेस में शारीरिक परीक्षण यानी फिजिकल टेस्ट और चिकित्सा परीक्षा मेडिकल टेस्ट के बाद लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। अधिकारियों के मुताबिक, बदली हुई कार्यप्रणाली सेलेक्शन के दौरान ज्ञान के पहलू पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी। इसकी देशभर में व्यापक पहुंच होगी और भर्ती रैलियों के दौरान देखी जाने वाली बड़ी भीड़ को भी कम किया जाएगा, जिससे उन्हें बेहतर मैनेजमेंट के तहत संचालित किया जा सके। अब पहला सीईई अप्रैल में देशभर के 200 केंद्रों पर आयोजित किया जाएगा।
नए प्रारूप में अग्निवीरों को बेहतर मूल्यांकन
भारतीय सेना ने इससे पहले जनवरी में अपने अग्निवीरों के प्रदर्शन को रेट करने के लिए विस्तृत मानदंड के साथ नई पद्धति की घोषणा की थी। इसमें उनका मूल्यांकन परिचालन योग्यता, हथियार चलाने में बेहतर निपुणता, शारीरिक फिटनेस और अन्य दूसरे सैनिक कौशल का टेस्ट करने के लिए परीक्षण समेत अन्य क्राइटेरिया पर आधारित होगा। प्रदर्शन से जुड़ा वेल्युएशन यानी मूल्यांकन यह निर्धारित करेगा कि किसे चार साल के बाद हटाया जाता है और किसे अतिरिक्त 15 वर्षों के लिए नियमित कैडर में सेवा दी जाती है।
प्रधानमंत्री ने इसे परिवर्तनकारी नीति बताया
16 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्निपथ योजना को एक परिवर्तनकारी नीति के रूप में वर्णित किया था, जो सेना को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में गेम चेंजर साबित होगी। वहीं, पहले इस बात पर जोर दिया गया था कि अग्निवीर सशस्त्र बलों को अधिक युवा और तकनीक से जुड़ा बनाने में मददगार होंगे। उनकी यह टिप्पणी तब आई जब वह तीनों सेवाओं के अग्निवीरों के पहले बैच को संबोधित कर रहे थे।
पहले चरण में 46 हजार नौकरियां आईं
बता दें कि भारत ने 14 जून 2022 को सशस्त्र बलों की एज प्रोफाइल को कम करने एक फिट आर्मी सुनिश्चित करने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम तकनीकी रूप से कुशल युद्ध लड़ने वाली सेना बनाने के लिए हेरिटेज प्रॉसेस की जगह अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण में तीनों सेवाओं में 46,000 नौकरियों (थेल सेना में 40,000 और भारतीय वायु सेना में 3000 और नौसेना में 3000) के लिए 54 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया। भारतीय वायुसेना और नौसेना के अग्निवीर भी इस समय ट्रेनिंग ले रहे हैं।
न रहें न निराश करें मन को.. इन 5 शख्सियतों की लाइफ में फुल डेडिकेशन स्टोरी एक बार जरूर पढ़ लें