
Indian Navy 10 Facts and Myths: भारतीय नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है। भारत की नौसेना सिर्फ समुद्र में तिरंगा लहराने वाली ताकत नहीं है, यह देश की सुरक्षा, तकनीक, गौरव और वैश्विक पहचान का एक मजबूत स्तंभ है। दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री रास्तों पर भारत की निगरानी, आधुनिक जहाजों-पनडुब्बियों का बेड़ा और युद्ध से लेकर ह्यूमेनिटेरियन मिशन तक हर चुनौती झेलने की क्षमता, इन्हीं खूबियों की वजह से इंडियन नेवी आज दुनिया की टॉप अपर-टियर नौसेनाओं में गिनी जाती है। भारत का समुद्री इतिहास भी उतना ही पुराना और शानदार है। प्राचीन साम्राज्यों की नौसैनिक ताकत से लेकर आज की हाई-टेक आधुनिक नेवी तक, भारत ने समुद्र पर अपनी मौजूदगी हमेशा मजबूत बनाए रखी है। अगर आप इंडियन नेवी डे 2025 पर भारतीय नौसेना के बारे में कुछ बेहद दिलचस्प फैक्ट्स और बड़े मिथकों की सच्चाई जानना चाहते हैं, तो आगे पढ़ें।
भारतीय सभ्यता की नावें और जहाज हजारों साल पहले भी समुद्रों में सफर करते थे। चोल साम्राज्य की नौसेना तो दक्षिण-पूर्व एशिया तक पहुंचकर अपना असर दिखा चुकी थी।
26 जनवरी 1950 को जब भारत गणतंत्र बना, उसी दिन नौसेना का नाम बदलकर इंडियन नेवी रखा गया। इससे पहले यह रॉयल इंडियन नेवी कहलाती थी। भारतीय नौसेना भारत की लंबी समुद्री तटरेखा, 1200 द्वीप और विशाल EEZ क्षेत्र की सुरक्षा करती है। 7500 किमी लंबी समुद्री सीमा, मलक्का स्ट्रेट से लेकर फारस की खाड़ी तक भारतीय निगरानी रहती है।
1961 में शामिल हुए आईएनएस विक्रांत ने 1971 के युद्ध में कराची बंदरगाह को घेरने में बड़ी भूमिका निभाई। इसे भारतीय नौसेना की शान कहा जाता है।
4 दिसंबर 1971 को भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट पर रातों-रात हमला किया। यह पहली बार था जब भारत ने एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल किया। यही दिन Navy Day के रूप में मनाया जाता है।
यह भारत की पहली ट्राई-सर्विस कमांड है जहां आर्मी, नेवी और एयरफोर्स एक साथ ऑपरेट करती हैं। भारतीय महासागर में यह भारत की स्ट्रेटजीक स्पाइन है।
INS Arihant भारत की पहली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी है। इससे भारत को जमीन, हवा और समुद्र, तीनों से न्यूक्लियर जवाब देने की शक्ति मिलती है।
शिवालिक फ्रिगेट, कोलकाता क्लास डेस्ट्रॉयर और कमोर्टा कॉर्वेट, ये सभी आधुनिक जहाज भारत में ही डिजाइन और निर्मित किए जाते हैं।
साल 2015 में यमन से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने वाला ऑपरेशन राहत दुनिया ने देखा। कई देशों के साथ नौसेना संयुक्त अभ्यास भी करती है।
सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी 2018 में पहली महिला पायलट बनीं। आज महिलाएं वॉरशिप, एयर ऑपरेशन, लॉजिस्टिक्स, ATC और कई ब्रांचों में काम कर रही हैं।
INS Kalvari इस प्रोजेक्ट की पहली पनडुब्बी है। आने वाला प्रोजेक्ट 75I भारत को और मजबूत अंडरवॉटर पावर देगा।
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सच: नेवी का बड़ा हिस्सा ह्यूमेनिटेरियन मिशन, रिसर्च, साइबर सिक्योरिटी, इंजीनियरिंग, मेडिकल और रेस्क्यू ऑपरेशन्स में भी काम करता है।
सच: कई टेक्निकल और एडमिन ब्रांचों में तैराक होना जरूरी नहीं। ट्रेनिंग के दौरान स्विमिंग सिखाई भी जाती है।
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सच: बड़ी संख्या में शोर-बेस्ड पोस्टिंग, डॉकयार्ड, टेक्निकल ऑफिस और ट्रेनिंग सेंटर्स होते हैं।
सच: अब महिलाएं पायलट, नेविगेटर, लॉजिस्टिक्स, टेक्निकल ऑफिसर और वॉरशिप ड्यूटी तक हर रोल में शामिल हैं।
सच: चयन केवल मेरिट, मेडिकल टेस्ट और फिजिकल स्टैंडर्ड पर आधारित होता है, बैकग्राउंड का कोई महत्व नहीं।
सच: जहाज हाई-टेक सुरक्षित सिस्टम से लैस होते हैं और रूटीन ड्यूटी काफी सुव्यवस्थित होती है।
सच: शोर-बेस पोस्टिंग, नियमित छुट्टियां और फैमिली क्वार्टर्स उपलब्ध होते हैं।
सच: आर्ट्स और कॉमर्स बैकग्राउंड वाले युवक-युवतियों के लिए भी कई एंट्री हैं। जैसे- ATC, लॉ, एजुकेशन, एडमिन आदि।
सच: रिटायरमेंट के बाद पोर्ट मैनेजमेंट, एयरपोर्ट सिक्योरिटी, मर्चेंट नेवी, इंजीनियरिंग जैसे हाई-पे जॉब्स मिलते हैं।
सच: पहले बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग होती है। पोस्टिंग रोल और ट्रेनिंग परफॉर्मेंस के आधार पर दी जाती है।