Inspiring story: शख्स ने 50 साल में पूरी की पीएचडी, जानिए अब कितनी है उम्र

Published : Feb 15, 2023, 05:09 PM IST
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सार

निक एक्सटेन 2016 में 69 साल की उम्र में फिलॉसफी में एमए करने के लिए ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी आए थे। उन्होंने फिलॉसफी में पीएचडी की डिग्री हासिल की, जो 2022 में 75 साल की उम्र में खत्म हुई। उन्हें 14 फरवरी 2023 को ब्रिस्टल से पीएचडी की उपाधि दी गई है।

एजुकेशन डेस्क। निक एक्सटेन को 1970 में पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी में गणितीय समाजशास्त्र यानी मैथमेटिकल सोशियोलॉजी में पीएचडी के लिए फुलब्राइट स्कॉलरशिप दी गई थी। हालांकि, निक अगले पांच साल तक इसे पूरा नहीं कर पाए और अधूरी रिसर्च के साथ ब्रिटेन लौट आए। निक ने अपनी अधूरी पीएचडी अब जाकर पूरी की है और उन्हें 14 फरवरी 2023 को ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि दी गई है।

निक के अनुसार, कुछ परेशानियां इतनी बड़ी होती हैं कि उनके आसपास अपना दिमाग लगाने के लिए जीवन महत्वपूर्ण और लंबा समय बीत जाता है। यही हाल रिसर्च का था, जिसे पूरा करने में मुझे 50 साल लग गए। एक्सटेन 2016 में 69 साल की उम्र में फिलॉसफी में एमए करने के लिए ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी आए थे। उन्होंने फिलॉसफी में पीएचडी की डिग्री हासिल की, जो 2022 में 75 साल की उम्र में खत्म हुई।

ब्रिस्टल की ओर से जारी किया गया इस बारे में बयान

एक्सटेन की रिसर्च उन विचारों पर आधारित है, जिन पर वे पांच दशक पहले अमेरिका में काम कर रहे थे। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल ने एक बयान में कहा, यह प्रत्येक व्यक्ति के मूल्यों के आधार पर मानव व्यवहार को समझने के लिए एक नया सिद्धांत है, जिसमें कहा गया है कि व्यवहार मनोविज्ञान के बारे में हमारे दृष्टिकोण को बदलने की क्षमता रखते हैं। निक के अनुसार, मैं 70 के दशक की शुरुआत में जो करने की कोशिश कर रहा था वह असाधारण रूप से कठिन था। लीड्स में एक ग्रेजुएट छात्र के रूप में अपने समय को याद करते हुए उन्होंने कहा, यह वियतनाम युद्ध, पेरिस, प्राग में छात्रों के साथ बैठने का समय था। तब जैक स्ट्रॉ लीड्स में छात्र संघ के अध्यक्ष थे। समाजशास्त्र और मनोविज्ञान अचानक खूब चर्चा में आए सब्जेक्ट थे। मैं उनका अध्ययन करने गया, क्योंकि मैं लोगों को समझना चाहता था।

23 की उम्र में शुरू किया था रिसर्च

एक्सटेन ने बताया कि जब वह ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर गए, तो बाकी सभी ग्रेजुएट की उम्र लगभग 23 थी, लेकिन उन्होंने मुझे अपने में से एक के रूप में स्वीकार किया। निक के पर्यवेक्षक प्रोफेसर समीर ओकाशा ने कहा, निक अपने समय के दौरान अविश्वसनीय रूप से उत्साही, ऊर्जावान और प्रतिबद्ध छात्र थे। अपनी पीएचडी शुरू करने के आधी शताब्दी के बाद उसे स्नातक होते देखना शानदार है। बता दें कि एक्सटेन स्कूल शिक्षण कार्यक्रम ऑक्सफोर्ड प्राइमरी साइंस के निर्माता और प्रमुख लेखक हैं। वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ वेल्स, समरसेट में रहते हैं। उनके चार पोते भी हैं। 

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